हिमाचल हाईकोर्ट ने इंक्वायरी आफिसर को सस्पेंड करने के दिए आदेश

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कोटी वन रेज में पेड़ कटान का मामला
आज समाज डिजिटल, शिमला:
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला की वन रेंज कोटी में 416 पेड़ों के अवैध कटान से जुड़े मामले में ढीली विभागीय कार्रवाई करने को गंभीरता से लेते हुए इंक्वायरी आॅफिसर पवन कुमार चौहान असिस्टेंट कंजर्वेटर आॅफ फॉरेस्ट, डीएफओ कार्यालय, शिमला शहरी को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड करने के आदेश जारी किए हैं। रेंज कोटी में 416 पेड़ों की अवैध कटाई से संबंधित मामले में अपने आदेशों की अनुपालना न करने व मामले में उपयुक्त विभागीय कार्यवाही न होने पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने प्रदेश सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए यह भी पूछा है कि क्यों न इस मामले में कोर्ट द्वारा उपयुक्त कानूनी कार्यवाही की जाए। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने ये आदेश कोटी रेंज में 416 पेड़ों की अवैध कटाई और वन विभाग के उच्च अधिकारियों सहित दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वत: संज्ञान लेने वाली जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पारित किए। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया कि अवैध कटान के लिए केवल फॉरेस्ट गार्ड उत्तरदायी है, जिसे कोर्ट ने सिरे से नकारते हुए कहा कि वन विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारी संयुक्त रूप से उत्तरदायी हैं। न्यायालय ने 17 मई 2018 को सभी वन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे, जो वन रेंज कोटी, यूपीएफ शालोट में 416 पेड़ों की अवैध कटाई के दौरान कार्यरत थे और ऐसे सभी वन अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई आरंभ करने के आदेश भी जारी किए थे, जो उस क्षेत्र में पिछले 3-4 वर्षों में 416 पेड़ों की कटाई की अनुमति देने के लिए जिम्मेदार थे। न्यायालय ने कहा कि उत्तरदाताओं ने कोर्ट द्वारा पारित निर्देशों की अनुपालना नहीं की है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि सरकार ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी की है। क्योंकि उन अधिकारियों के खिलाफ कोई दायित्व तय नहीं किया गया है जो उच्च पदों पर आसीन हैं। इस मामले पर अगली सुनवाई 2 सितंबर को होगी।