Himachal News (आज समाज), शिमला : प्रदेश में सत्तासीन कांग्रेस पार्टी की सरकार का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ करना है। इसके लिए जहां कृषि पर फोकस किया जा रहा है वहीं कृषि से जुड़े अन्य सहायक धंधों पर भी सरकार का ध्यान केंद्रित है इन्हीं में से एक है दुग्ध उत्पादन। प्रदेश में किसानों और ग्रामीणों की आर्थिकता को सुधारने के लिए सरकार ने दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने पर विशेष फोकस किया है। प्रदेश सरकार द्वारा स्थानीय युवाओं को किसानों व एकत्रीकरण केंद्रों से दूध प्रसंस्करण संयंत्रों तक दूध ले जाने के लिए 200 रेफ्रिजरेटिड मिल्क वैन उपलब्ध करवाने का बजट में प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार ने दुग्ध संयंत्र कुल्लू, हमीरपुर, नाहन और दुग्ध संयंत्र ऊना की क्षमता 20-20 हजार लीटर करने की योजना भी बनाई है। दुग्ध विपणन प्रक्रिया और इसके परिवहन का युक्तिकरण भी किया जा रहा है। दुग्ध उत्पादन समितियों के पंजीकरण कार्य में तेजी लाई है इसके लिए समितियों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश राज्य दुग्ध उत्पादक प्रसंघ (मिल्कफेड) के सुदृढ़ीकरण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। मिल्कफेड के ट्रेडमार्क हिम का केंद्र सरकार से पंजीकरण करवाया गया है।
हिमाचल प्रदेश मिल्कफेड द्वारा राज्य में 102 आॅटोमैटिक मिल्क कलैक्शन यूनिट स्थापित किए गए हैं और दूर-दराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण दूध एकत्र करने के लिए 320 लीटर क्षमता के 55 मिल्क कूलर छोटी समितियों को उपलब्ध करवाए गए हैं।
प्रदेश में वर्तमान में 1148 ग्राम दुग्ध सहकारी समितियां हैं, जिनके 47,905 सदस्य हैं। इनमें महिलाओं की संख्या 19,388 है। राज्य में 11 दुग्ध संयंत्र और 116 बल्क मिल्क कूलर भी स्थापित हैं। प्रदेश सरकार दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में 360 डिग्री विकास के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है ताकि ग्रामीण व अन्य क्षेत्रों की आर्थिकी को संबल प्रदान किया जा सके।