नई दिल्ली। भले ही भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव रहा हो। भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने के बाद पाकिस्तान बौखला गया था। लगातार पाकिस्तान की ओर से युद्ध की धमकियां आ रहीें थी। तमाम तनावों के बाद भी सिख श्रद्धालुओं के लिए प्रस्तावित करतारपुर गलियारे के मसौदा समझौते को अंतिम रूप देने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बुधवार को तीसरे दौर की बातचीत शुरू हो गई। अधिकारियों ने बताया कि संयुक्त सचिव स्तर की बैठक अमृतसर के अटारी में हो रही है। जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद भारत और पाकिस्तान के मध्य उत्पन्न तनाव की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के बीच यह दूसरी बैठक है। पाकिस्तान के वाघा में जुलाई में हुई आखिरी संयुक्त सचिव स्तर की बैठक में दोनों देश इस बात पर सहमत हुए थे कि गलियारे के माध्यम से पाकिस्तान प्रतिदिन 5,000 सिख श्रद्धालुओं को देश में स्थित करतारपुर साहिब गुरूद्वारा आने की अनुमति देगा। भारत और पाकिस्तान के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच 30 अगस्त को हुई बैठक के बाद यह बैठक हो रही है। पाकिस्तान भारतीय सीमा से गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण कर रहा है जबकि डेरा बाबा नानक से सीमा तक के दूसरे हिस्से का निर्माण भारत द्वारा किया जाएगा। पाकिस्तान और भारत गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर पिछले साल 12 नवम्बर को लाहौर से करीब 125 किलोमीटर दूर नारोवाल में गलियारे के उद्घाटन के संबंध में अब भी तौर-तरीकों पर विचार कर रहे हैं।
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भारत और पाकिस्तान के बीच बुधवार को तीसरे दौर की बातचीत लगभग सफल रही। अधिकारियों ने बताया कि भारत-पाकिस्तान करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के बिना वीजा, और धर्म के आधार पर बिना किसी भेदभाव के यात्रा करने पर राजी हुए। उन्होंने बताया कि भारत और पाकिस्तान इसपर सहमत हुए कि गलियारे के माध्यम से प्रतिदिन 5,000 श्रद्धालु करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का दर्शन करेंगे। अधिकारी ने कहा कि करतारपुर गुरुद्वारा परिसर में भारतीय महावाणिज्यदूत या प्रोटोकॉल अधिकारियों को आने की अनुमति देने पर पाकिस्तान ने अनिच्छा दिखाई है।वहीं एक सूत्र ने बताया कि करतारपुर गलियारा सालभर सप्ताह के सातों दिन खुला रहेगा। अधिकारी ने बताया कि भारत ने गुरुद्वारा करताापुर साहिब के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से सेवा शुल्क वूसल करने पर पाकिस्तान से असहमति जतायी है।