Aaj Samaj (आज समाज), High Court Verdict, चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रंजीत हत्याकांड में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बरी कर दिया है। सीबीआई अदालत के फैसले को रद कर उच्च न्यायालय ने यह फैसला सुनाया। डेरा मुखी के अलावा इस मामले में चार अन्य दोषियों को भी हाई कोर्ट ने बरी कर दिया है। डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र निवासी रंजीत डेरे के पूर्व मैनेजर थे और 10 जुलाई 2002 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
सीबीआई अदालत ने 19 साल में ठहराया था दोषी
सीबीआई अदालत ने रंजीत हत्याकांड में 19 साल बाद डेरा मुखी को दोषी करार दिया था। बता दें कि पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड और साध्वी रेप मामले में राम रहीम फिलहाल जेल में बंद है। उसे इसमें उम्रकैद की ेसजा हुई है। रणजीत सिंह को इसलिए गोली मारी गई थी, क्योंकि डेरा प्रबंधन को शक था कि उसने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी।
2021 में पांच आरोपी दोषी करार दिए
पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। उसके बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया और अक्टूबर 2021 में डेरा मुखी सहित 5 आरोपियों को दोषी करार दिया गया था।
2007 में आरोप तय
कोर्ट ने 2007 में आरोपियों पर आरोप तय किए थे। हालांकि, शुरुआत में इस मामले में राम रहीम का नाम नहीं था, पर 2003 में सीबीआई को जांच सौंपी गई, उसके बाद 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को आरोपियों में शामिल किया गया।
सजा रद होने के बाद भी जेल में रहेगा राम रहीम
सजा रद होने के बाद भी हालांकि गुरमीत राम रहीम सिंह जेल में ही रहेगा, क्योंकि दो साध्वियों के यौन शोषण मामले में उसे 20 साल और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 25 अगस्त 2017 को पंचकूला सीबीआई की विशेष अदालत ने इन मामलों में उसे दोषी करार दिया था।
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