कहा- दोषी ने 3 वर्षीय बच्ची से दैत्य जैसा व्यवहार किया, मृत्युदंड सही
Punjab-Haryana High Court News (आज समाज) चंडीगढ़: गुरुग्राम कोर्ट द्वारा एक तीन वर्षीय बच्ची से रेप कर उसकी हत्या करने के दोषी फांसी की सुजा सुनाई गई थी। गुरुग्राम कोर्ट द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा को चुनौती देते हुए दोषी ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर गत दिवस कोर्ट में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों के वकीलों ने कोर्ट के सामने दलीलें रखी।
अंत में हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए दोषी की फांसी की सजा को बरकरार रखा। जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने फैसले में कहा कि पड़ोसी ने ही बच्ची के साथ अमानवीय व दैत्य जैसा व्यवहार किया। बच्ची के साथ पहले रेप किया और फिर उसकी हत्या कर दी। ऐसे में वह राहत का हकदार नहीं है। हाईकोर्ट ने गुरुग्राम की स्पेशल कोर्ट द्वारा फांसी की सजा सुनाने के फैसले को सही ठहराया। खंडपीठ ने कहा कि यह मामला दुर्लभ मामलों में से दुर्लभतम है। पड़ोसी ने इस डर से बच्ची की हत्या कर दी कि वह उसे जानती है और उसके राक्षसी व्यवहार का खुलासा कर देगी।
फरवरी 2024 में सुनाई गई थी फांसी की सजा
गुरुग्राम सेक्टर-65 पुलिस स्टेशन में 12 नवंबर 2018 को हत्या और रेप का केस दर्ज किया गया था। फरवरी 2024 में विशेष अदालत ने मामले में दोषी को मौत की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा मृत्युदंड का फैसला सही है।
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