सुसाइड के लिए उकसाने के मामले में आईपीएस अधिकारी करेंगे जांच
Punjab-Haryana High Court News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के खिलाफ सुसाइड के लिए उकसाने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने इस मामले में पूर्व मंत्री के खिलाफ जांच के आदेश दिए।
अपने आदेश में हाईकोर्ट ने एक आईपीएस अधिकारी से मामले की जांच कराने के आदेश दिए है। हाईकोर्ट ने मृतक का संस्कार भी तीन दिन के अंदर कराने के आदेश दिए है। वहीं इस मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा हैं कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बुनियाद व निराधार हैं। उनका देश की न्याय पालिका में पूरा विश्वास है।
एक माह से अस्पताल की मॉच्युर्री में ही रखा युवक का शव
गौरतलब है कि महेंद्रगढ़ के बाघोत गांव निवासी मोहित ने 13 दिसंबर 2024 को घर में फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। एक महीने से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन परिवार ने पोस्टमॉर्टम होने के बावजूद उसका अंतिम संस्कार नहीं किया है। युवक का शव सिविल अस्पताल की मॉच्युर्री में ही रखा हुआ है। मोहित के पिता कैलाश चंद शर्मा का कहना था कि परिवार के लोग बेटे का अंतिम संस्कार तभी करेंगे, जब पुलिस रामबिलास शर्मा, उनके बेटे और साथियों के खिलाफ मामला दर्ज करेगी।
रामबिलास शर्मा से कुछ पैसे वापस मांगे तो पैदा हुई दुश्मनी
याचिका में कैलाश चंद ने कहा कि साल 1996 से 2016 तक उनके पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के साथ अच्छे संबंध थे। वह उनके साथ पैसों का लेन-देन करते थे। उन्होंने रामबिलास शर्मा की मांग पर विभिन्न अवसरों पर करीब 22 करोड़ रुपए दिए। इस दौरान अचानक उसे फैक्ट्री में नुकसान हो गया। उसने रामबिलास शर्मा से कुछ पैसे वापस मांगे, लेकिन उन्होंने देने से इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच दुश्मनी पैदा हो गई।
पत्नी भी कर चुकी आत्महत्या की कोशिश
कैलाश चंद ने कहा कि रामबिलास शर्मा की क्रूरता के कारण उसकी पत्नी नीलम ने भी जहर निगलकर आत्महत्या की कोशिश की। मगर, समय पर इलाज मिलने के कारण उसकी जान बच गई। पिछले साल अगस्त में ठीक होने के बाद दिए गए बयान में भी उसने रामबिलास शर्मा, उसके बेटे और उनके साथियों का नाम लिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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