Punjab and Haryana High Court Orders, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा-पंजाब सीमा शंभू बॉर्डर पर पिछले 5 महीनों से डटे किसानों के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है। कोर्ट ने कहा है कि हरियाणा सरकार शंभू बॉर्डर को एक सप्ताह के अंदर खुलवाए। ऐसे में उम्मीद है कि अब चंडीगढ़ दिल्ली नेशनल हाईवे खुल जाएगा। हाईकोर्ट ने खनौरी बॉर्डर पर पुलिस व किसानों के बीच हुई झड़प में मरने वाले किसान शुभकरण मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाने का भी आदेश दिया है।
- शुभकरण मामले में एसआईटी के गठन का आदेश
अंबाला में प्रभावित हो रहा कारोबार, आम लोग भी परेशान
पंजाब के किसान अपनी मांगों को लेकर गत फरवरी से अम्बाला में शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं, जिस वजह से शंभू बॉर्डर पर केंद्रीय सुरक्षा बल और हरियाणा पुलिस के जवान तैनात हैं। यहां पर दिल्ली चंडीगढ़ नेशनल हाईवे का कुछ हिस्सा बंद था, जिसके कारण अंबाला में कारोबार प्रभावित हो रहा है। साथ ही रोजाना आवाजाही करने वाले लोगों को बड़ी समस्या पेश आ रही थी।
वासु रंजन शांडिल्य ने दायर की थी याचिका
हाईकोर्ट के एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने शंभू बॉर्डर खुलवाने के लिए याचिका दाखिल की थी। उन्होंने कहा है कि बीते 5 माह से नेशनल हाईवे 44 बंद पड़ा है, जिससे अंबाला के दुकानदार, व्यापारी और छोटे बड़े रेहड़ी फड़ी वाले लोगों का काम बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इनमें से कई कारोबारी भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। शांडिल्य ने मांग की थी कि शंभू बॉर्डर को तुरंत प्रभाव से खोलने के आदेश दिए जाएं। उन्होंने पंजाब व हरियाणा सरकार सहित किसान नेता स्वर्ण सिंह पंधेर व जगजीत सिंह डल्लेवाल को भी पार्टी बनाया है।
एनएचएआई को अब तक 108 करोड़ का नुकसान
बता दें कि 13 फरवरी 2024 को किसान आंदोलन के कारण शंभू टोल प्लॉजा को बंद किया गया था और तब से अब तक अंबाला लुधियाना राजमार्ग शुरू नहीं हो सका है। शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन के कारण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को 108 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।