Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा शिक्षा बोर्ड पर 1 लाख रुपए जुर्माना लगाया है। हाईकोर्ट ने बोर्ड की कार्यप्रणाली को असंवेदनशील करार दिया। एलर्जी के कारण आवेदक की बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं हो सकी थी और उसका परिणाम रद्द कर दिया गया था। इस कारण आवेदक के करियर के 5 साल खराब हो गए थे। हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि याची ने हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन किया था। परीक्षा के दिन उसके हाथों पर फंगल एलर्जी थी और इस वजह से बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं हो पा रही थी। परीक्षा केंद्र पर नियंत्रक ने मैनुअली उपस्थिति दर्ज कर परीक्षा देने की अनुमति दी थी। बाद में परिणाम घोषित हुए तो यह कहा गया कि परीक्षा परिणाम रद्द कर दिया गया है क्योंकि बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं हुई थी। जस्टिस जसगुरप्रीत सिंह पुरी ने अपने आदेश में कहा कि परीक्षा का परिणाम रद्द करने का कारण बायोमीट्रिक मशीन का फेल होना है। बोर्ड ने भी यह माना है कि आवेदक के हाथों में एलर्जी थी। बोर्ड की तरफ से परिणाम रद्द करने का जो कारण दिया गया है वह पूरी तरह से गलत और अप्रिय प्रकृति का है। हाईकोर्ट ने नोट किया कि सभी दस्तावेज दिखाने के बाद याची के हाथों का प्रिंट मैनुअली लिया गया था। सभी दस्तावेज की जांच के बाद और उच्च अधिकारियों से अनुमति के याद परीक्षा देने की अनुमति दी गई और बाद में अपनी बायोमीट्रिक मशीन के फेल होने का जिम्मा आवेदक पर ही मढ़ दिया गया। जस्टिस पुरी ने कहा कि याची ने नवम्बर 2019 में परीक्षा दी थी। उसका परीक्षा परिणाम रद्द होने के कारण करियर का काफी नुकसान हुआ है। याची का परिणाम रद्द होने के जो कारण दिए, उनकी वजह से अन्य परीक्षा देने के लिए भी वह वंचित हो गया। ऐसे में संबंधित बोर्ड जुमार्ना अदा करने के अलावा एक माह में परीक्षा परिणाम भी जारी करें।