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High Court : चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव पर हाईकोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला लेते हुए इस पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने यह रोक एक याचिका के आधार पर की है। याचिका में हाईकोर्ट के सामाने यह बात रखी गई है कि आगामी 2021 में चंडीगढ़ में होने वाले निकाय चुनावों पर आरक्षित वार्डों की समीक्षा की जाए, क्योंकि सूबे की सरकार ने कई निकाय के कई वार्डों में नए आवास स्थापित किए और कईयों कच्ची मकानों को हटाया गया है।
23 नवंबर को होगी अगली सुनवाई (High Court)
याचिका में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि चुनाव आयोग को निकाय चुनाव के ऐलान से पहले जनगणना का सर्वे करवाना था। उसके बाद वार्ड की जनगणना के आधार पर आरक्षित किया जाना था। हालांकि हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने अगले आदेश तक चंडीगढ़ में होने वाले निकाय चुनाव पर सभी पार्टियों को अपने वार्डों में प्रत्याशी घोषित करने की रोक लगा दी है। वहीं हाईकोर्ट अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी।
पार्टी के कार्यकर्ता भी आरक्षण से थे नाखुश (High Court)
आरक्षण चुनावी कोटे को देख कई पार्टियों में सालों से काम करते आ रहे कार्यकर्ताओं का मन भी पार्टियों के आरक्षण से नाखुश दिखाई दे रहे थे। वहीं अब कार्यकर्ताओं के मन मे भी एक आश जगी है। जिसका फैसला 23 नवंबर को होगा।
वहीं अगर चंडीगढ़ के लोगों की करें तो उनका कहना है कि चंडीगढ़ के नगर निगम चुनाव (निकाय) के समय हमेशा पार्टियां शहर की जनता को समुदाय में विभाजित कर उनके वार्डों के अनुसार प्रत्याशी को चुनती आ रही थीं। कई क्षेत्रों पर ऐसा हाल था कि यहां पर सभी समुदाय के लोग रहते हैं। हालांकि हाईकोर्ट अब इस आऱक्षण पर एक अहम फैसला लेना वाला है। इस फैसले का इंतजार राजनीतिक दलों के साथ-साथ जनता को भी है।
(High Court)
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