नीरज कौशिक, Mahendragarh News : धर्म भाषा और संस्कृति के साथ उच्च चरित्र वीर शिवाजी की पहली प्राथमिकता थी । उनका जीवन हिंदु उत्थान और विदेशी आक्रांताओं से लड़कर भारत में हिंदू राज्य की स्थापना के लिए समर्पित रहा । वे सदैव राष्ट्रहित, समाज, प्रजा हित और हिंदू हित में कार्य करने हेतु अग्रणी रहे ।
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50 वर्ष के जीवन काल में 276 लड़ाइयां लड़ी
उनके राज्य रोहण का दिन समस्त हिंदू समाज के लिए एक प्रेरणा दाई दिवस है । हमें इस दिन उनके आदर्शों, उनकी शिक्षाओं और उनके द्वारा स्थापित उच्च समाज मूल्यों पर चलने का संकल्प लेना चाहिए । आज महेंद्रगढ़ नगर के नीमड़ी नीचे स्थित संघ कार्यालय में हिंदू साम्राज्य दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिसमें वक्ता के रूप में उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचार प्रमुख कैलाश पाली ने उपरोक्त विचार व्यक्त किए । उन्होंने कहां की वीर शिवाजी ने अपने 50 वर्ष के जीवन काल में 276 लड़ाइयां लड़ी और 268 युद्धों में उन्होंने विजय प्राप्त की। उन्होंने उस समय हिंदू राष्ट्र की पताका फहराई जब पूरे देश में एक निराशा का वातावरण था और देश मुगलों के आतंक से त्रस्त था। ऐसे समय में मां जीजाबाई से प्रेरणा लेकर भगवा पताका फहराने का कार्य उन्होंने किया । पाली ने कहा की आज से 348 वर्ष पहले जेष्ठ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को वीर शिवाजी का राज्य अभिषेक किया गया पूरे देश में उनके राज्य अभिषेक के जश्न मनाए गए और हिंदू समाज पुनसंगठित होकर के मुगलों से लड़ने के लिए तैयार हो गया ।
भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प
वहीं से प्रेरणा लेकर आजादी की लड़ाई भी प्रारंभ हो गई शिवाजी के आदर्शों पर चलते हुए सुभाष चंद्र बोस, वीर सावरकर, शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद ने “जैसे को तैसा” नीति का अनुसरण किया । दुनिया को गुरिल्ला युद्ध कला महाराजा शिवाजी की ही देन है । जो मुगल युद्ध के नियमों को तोड़कर भारत पर शासन करने लगे थे उन्होंने उनका जवाब उसी भाषा में दिया। उन्होंने अपने प्रशासन को आठ प्रकार के विभागों में विभक्त किया। आज भी भारत में कुछ लोग विदेशियों के बहकावे में आकर देश को कमजोर करने पर आतुर हैं। उन्हें शिवाजी की भाषा में जवाब देना अनिवार्य हो गया है। उच्च चरित्र का आदर्श स्थापित करने वाले वीर शिवा अपनी मां जीजाबाई द्वारा जो रामायण-महाभारत-गीता का उपदेश उन्हें सुनाया गया था उन्होंने सदैव इन महाकाव्यों में स्थापित उच्च आदर्शों को अपनायाहमें शिवाजी के आदर्शों पर चलने का संकल्प लेना चाहिए :- कैलाश पाली । नारी के प्रति उनका सम्मान दुनिया को सदैव एक नई दिशा देता है ।
वीर शिवाजी के चित्र पर पुष्प अर्पित
उनके आदर्श भारतीय समाज को एक नई दिशा देने का कार्य करते रहेंगे। उन्होंने जो हिंदू राष्ट्र की कल्पना की थी वर्तमान में उस स्वप्न को साकार करने का उचित समय आ गया है । भारत का तन मन हिंदू है और यहां की रगों में बह रहा हर खून हिंदुस्तानी है। हिंदू साम्राज्य दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में नगर संघचालक मनोहर लाल, विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष राम जीवन, नगर कार्यवाह अनिल कुमार, प्रो. केशव कुमार बालमुकुंद, दीपक मास्टर, बिशन दयाल, उत्कर्ष, युद्धवीर सिंह आदि ने वीर शिवाजी के चित्र के सामने पुष्प अर्पित कर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया।
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