Aaj Samaj (आज समाज), Heera Global Convention Center, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सत्य साईं बाबा के जन्म स्थान आन्ध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी गांव में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए साईं हीरा ग्लोबल कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन किया। यह प्रशांति निलयम सत्य साईं बाबा का मुख्य आश्रम है और सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट ने 56 हजार 500 वर्ग फुट में इस बिल्डिंग को बनवाया है। इसमें दो सभागार हैं, दोनों में ही एक-एक हजार लोगों के बैठने की क्षमता है।
कार्यक्रम में शामिल हुए देश-विदेश के लोग
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में शामिल देश-विदेश के लोगों को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा, हीरा ग्लोबल कन्वेंशन सेंटर के रूप में देश को एक प्रमुख विचार केंद्र मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, इस सेंटर में आध्यात्मिकता की अनुभूति भी है और आधुनिकता की आभा भी है। इसी के साथ इसमें सांस्कृतिक दिव्यता भी है और वैचारिक भव्यता भी है।
- सेंटर में सांस्कृतिक दिव्यता भी और वैचारिक भव्यता भी
- अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े दुनिया से विशेषज्ञ यहां आएंगे
केंद्र से देश के युवाओं को मदद मिलने की उम्मीद
पीएम मोदी ने कहा, मैंने इस कन्वेंशन सेंटर की तस्वीरें देखी हैं। यह आध्यात्मिक सम्मेलनों और अकादमिक कार्यक्रमों का केंद्र होगा। अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े दुनिया भर से विशेषज्ञ यहां आएंगे और मुझे उम्मीद है कि यह केंद्र देश के युवाओंउन्होंने कहा कि आज भारत कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ रहा है और विकास और विरासत को आगे बढ़ा रहा है। आज भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। समाज के हर वर्ग की भागीदारी से आज बदलाव आ रहा है।
40 लाख विद्याार्थियों को श्री अन्न से बना भोजन दे रहा ट्रस्ट
पीएम मोदी ने बताया कि सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट आंध्रप्रदेश के लगभग 40 लाख विद्यार्थियों को श्री अन्न से बना भोजन उपलब्ध करवा रहा है, जो बहुत सराहनीय पहल है। इस तरह के कामों से दूसरे राज्यों को भी जोड़ा जाए तो देश को इसका बड़ा लाभ मिलेगा। श्री अन्न में स्वास्थ्य भी है और संभावनाएं भी हैं। हमारे ऐसे सभी प्रयास वैश्विक स्तर पर भारत के सामर्थ्य को बढ़ाएंगे और भारत की पहचान को मजबूती देंगे।
यह लक्ष्य बनाकर ‘अमृतकाल’ को ‘कर्तव्य काल’ का नाम दिया
प्रधानमंत्री ने कहा, आज भारत भी कर्तव्यों को प्राथमिकता बनाकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, आजादी के 100 साल के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हुए, हमने हमारे ‘अमृतकाल’ को ‘कर्तव्य काल’ का नाम दिया है। हमारे कर्तव्यों में आध्यात्मिक मूल्यों का मार्गदर्शन भी है और भविष्य के संकल्प भी हैं। इसमें विकास भी है और विरासत भी है। मोदी ने कहा, डिजिटल टेक्नोलॉजी और 5जी जैसे क्षेत्रों में भारत बड़े-बड़े देशों का मुकाबला कर रहा है। आज दुनिया में जितने भी रीयल टाइम आनलाइन ट्रांजैक्शन हो रहे हैं, उसमें 40 प्रतिशत अकेले भारत में हो रहे हैं।
जानिए सत्य साईं बाबा का बचपन व जीवन
सत्य साईं बाबा एक आध्यात्मिक गुरु थे। उनके बचपन का नाम सत्यनारायण राजू था। उनका जन्म 23 नवम्बर 1926 को आन्ध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी गांव में हुआ था। बाबा को प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु शिरडी के साईं बाबा का अवतार माना जाता है। वे अपने माता-पिता की 8वीं संतान थे। 8 साल की उम्र में बाबा ने भजनों की रचना करनी शुरू कर दी थी। 24 अप्रैल 2011 को उन्होंने महासमाधि ले ली थी। उन्होंने भारत में तीन मंदिर स्थापित किए थे। इसमें मुंबई में धर्मक्षेत्र, हैदराबाद में शिवम और चेन्नई में सुंदरम शामिल है। इनके अलावा दुनियाभर के 114 देशों में सत्य साई केंद्र बने हुए हैं।
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