सुरेन्द्र दुआ,नूंह:
जिला में पड़ रही प्रचण्ड गर्मी से जहां यहां का जन जीवन प्रभावित कर रखा है वहीं, दिल रोगियों की परेशानियां भी बढाकर रखी हुई हैं। हैरत की बात देखने को यह मिल रही है कि हार्ट अटैक( दिल का दौरा) पडऩे पर आपात स्थिति की यहां कोई सुविधा तक नही हैं। बताया जा रहा है कि 4 में से 1 मरीज की हार्टअटैक से ही मौत होती हैं, इसमें 50 वर्ष से कम आयु के 50 फीसदी व 40 से कम 25 फीसदी मरीज ऐसे हैं। जबकि जिला मुख्यालय नूंह में शहीद हसन खां मेवाती राजकीय मेडिकल कॉलेज नल्हड को कांग्रेस सरकार में लगभग 600 करोड़ रूपये की लागत से तैयार कराया था और आज भी यहां काम जारी है, आपात स्थिति में हार्टअटैक के मरीजों को यहां लाया जा रहा है लेकिन मुसीबत जब खड़ी हो जाती है तब पता चलता है कि यहां कोई हार्टकेयर सेंटर नहीं है।
कोरे आश्वासनों के सिवाये कुछ नहीं
ताजा आए मामलें में शुक्रवार को नूंह निवासी प्रमोद शर्मा पुत्र स्व0 घनश्याम दास के हार्ट प्रोब्लम होने पर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया लेकिन वहां ऐसी कोई सुविधा न होने पर दिल्ली रेफर कर दिया। परन्तु किसी के कहने पर मरीज को फरीदाबाद स्थित बीके अस्पताल के हार्टकेयर सेंटर भेजा गया है। इस बीच मरीज को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हांलाकि, गैर सरकारी स्वंयसेवी संस्थाओं से जुडे लोगों ने जिला में हृदय रोगियों की बढती संख्या को देखते हुए यहां हार्टकेयर सेंटर व दिल से संबंधित विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की शासन-प्रशासन के यहां लगातार गुहार लगाई हैं, लेकिन कोरे आश्वासनों के सिवाये कुछ नहीं हो पा रहा हैं।
दिल से जुडी अन्य बीमारियों की सुविधा नहीं
आपात स्थिति होने पर मरीज को प्राथमिक सुविधा उपलब्ध न हो पाने से मौत की नींद सो जाते हैं जबकि कई रोगी दिल्ली, गुरूग्राम, अलवर, पलवल, रेवाडी आदि शहरों में जाने के दौरान रास्ते में ही दम तोड देते हैं। गोपाल पंडित, सुरेन्द्र जैन, राजू कटारिया, थान सिंह कश्यप, पार्ष कमल गोयल, सुमित अदलखा, नासिर हुसैन, प्रिंस वकील, राजू वकील व किफायत वकील ने नल्हड मेडिकल कॉलेज में हार्टकेयर सेंटर खोलने की मंाग की हैं ताकि कीमती जीवन को बचाया जा सके। इस बारे में मांडीखेडा सामान्य अस्पताल के चिकित्सक ने कहा कि यहां दिल की बीमारी के दो चिकित्सक मौजूद हैं और प्राथमिक चिकित्सा के लिए वह सदैव तैयार रहते हैं, अभी तक दिल से जुडी अन्य बीमारियों की सुविधा नहीं हैं। जबकि मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक ने भी माना कि यहां हार्टकेयर सेंटर की सुविधा नही हैं।
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