Heart attack: जानिए किन कारणों से बढ़ सकता है गर्मियों में हार्ट अटैक का खतरा

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Heart attack: हार्ट अटैक तब होता है, जब हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति कम या पूरी तरह से रुक जाती है, आमतौर पर एक रक्त के थक्के के कारण यह होता है। इससे हृदय की मांसपेशियों को ऑक्सीजन की कमी होती है और वह मर सकती है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। हार्ट अटैक के दौरान छाती के मध्य में या बाईं ओर दर्द या दबाव महसूस होता है, जो गर्मी में बढ़ सकता है। यह दर्द किसी भारी वस्तु के दबाव जैसा महसूस हो सकता है। वहीं गर्मी में हृदय पर बढ़ते दबाव के कारण सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

यह लक्षण अक्सर छाती के दर्द के साथ होते है। इस दौरान अत्यधिक पसीना आना, खासकर ठंडा और चिपचिपा पसीना, हार्ट अटैक का एक संकेत हो सकता है। गर्मी में यह लक्षण अधिक महसूस हो सकता है। वहीं हार्ट अटैक के दौरान मतली या उल्टी महसूस हो सकती है, और गर्मियों में यह स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है। अत्यधिक थकावट या कमजोरी महसूस होना, जो बिना किसी स्पष्ट कारण के हो सकते हैं, लेकिन गर्मियों में कुछ आदतें और गलतियाँ हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा सकती हैं। यहाँ आज हम आपको पाँच प्रमुख गलतियाँ हैं, जिनसे बचना चाहिए बताने जा रहें हैं,

पर्याप्त पानी न पीना

गर्मियों में शरीर से अधिक पसीना निकलने के कारण पानी की कमी हो सकती है। यह स्थिति रक्त के गाढ़ेपन को बढ़ा सकती है, जिससे रक्तचाप में वृद्धि और हृदय पर अधिक दबाव पड़ सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है। स्वास्थ्य पेशावर कहते हैं कि गर्मियों में अधिक पसीना आने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। डिहाइड्रेशन से रक्त गाढ़ा हो जाता है, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है और हृदय को रक्त पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। यह हृदय पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा सकता है।

अत्यधिक धूप में व्यायाम

गर्मियों में अत्यधिक धूप या गर्मी में व्यायाम करना, खासकर बिना उचित हाइड्रेशन के, शरीर के तापमान को खतरनाक स्तर तक बढ़ा सकता है। इससे हृदय की धड़कन तेज हो जाती है और हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ सकता है। अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। हृदय को शरीर को ठंडा रखने के लिए अधिक रक्त पंप करना पड़ता है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त तनाव पड़ता है। विशेषकर वृद्ध लोगों या हृदय रोगियों के लिए यह स्थिति खतरनाक हो सकती है।

अत्यधिक नमक का सेवन

गर्मियों में पसीना अधिक निकलता है, जिससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है। हालांकि, इस कमी को पूरा करने के लिए कुछ लोग ज्यादा नमक का सेवन कर लेते हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ता है और हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। गर्मियों में उच्च तापमान के कारण ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव हो सकता है। यह स्थिति हृदय के लिए हानिकारक हो सकती है और हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ा सकती है।

अत्यधिक शराब का सेवन

गर्मियों में ठंडे पेय के रूप में शराब का अधिक सेवन करना, शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) को बढ़ा सकता है। शराब का अधिक सेवन हृदय की धड़कन को अनियमित कर सकता है और रक्तचाप बढ़ा सकता है, जिससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ता है।

नींद की कमी

गर्मी के मौसम में, रात की नींद में खलल पड़ सकता है। नींद की कमी से हृदय पर तनाव बढ़ता है और यह ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित कर सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। वहीं गर्मी में सनस्ट्रोक या हीट एग्जॉशन जैसी बीमारियां भी हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ा सकती हैं, क्योंकि ये स्थितियाँ हृदय को अत्यधिक तनाव में डाल सकती हैं।