Hearing of Chidambaram’s case, documents cannot be submitted backwards in court – Singhvi: चिदंबरम के केस की सुनवाई, न्यायालय में पीछे से दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सकते-सिंघवी

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नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया केस मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के वकीलों ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय को घेरा। उन्होंने कहा कि ईडी आईएनएक्स मीडिया मामले में उन्हें गिरफ्तार करना चाहता है। कपिल सिब्बल के साथ चिदंबरम का सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने मंगलवार को कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून के प्रावधानों के तहत 2007-2008 में कथित कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मंत्री को पर जो आरोप लगाए हैं उसे वर्ष 2009 में अपराध घोषित किया गया था। उन्होंने न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि एफआईआर में जो धाराएं लगाई है जून 2009 में धन शोधन निवारण अधिनियम में संशोधन की अधिसूचना के जरिए उसे अपराध घोषित किया गया था। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए चिदंबरम की पूर्व-जमानत के अनुरोध को खारिज करने पर सिंघवी ने कहा कि एक व्यक्ति को एक कथित अपराध के ‘किंगपिन के रूप में चित्रित’ किया जा रहा है जो उस समय अपराध था ही नहीं। कोर्ट की सुनवाई में मंगलवार को चिदंबरम के वकील ने ईडी द्वारा इस मामले में तीन तारीखों पर उनके मुवक्किल से की गई पूछताछ का लिखित ब्यौरा मांगा।
न्यायमूर्ति आर. भानुमति और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना की पीठ धन शोधन मामले में चिदंबरम की अग्रिम जमानत रद्द करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही है। चिदंबरम का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि आरोपी की हिरासत मांगने के लिए प्रवर्तन निदेशालय अचानक ही और पीछे से दस्तावेज न्यायालय को नहीं दे सकता है।