Hearing Loss: स्पेशियली आंख और कान ये दोनों ही इंसानों के सबसे ज्यादा सॉफ्ट और संवेदनशील बॉडी पार्ट्स में से एक है। इन पर कोई भी समस्या आती है तो पूरे शरीर को खामियाजा भुगतना पड़ता है। ऐसे में जरा सा सोच के देखिए कि ऐसा हो जाए आपके साथ कि एकदम से सुनाई देना बंद हो जाए तो क्या करेंगे आप? सुनकर ही सदमा लगा ना?
इसलिए ये जानना बहुत जरूरी है की आखिरकार क्या होती है ये न्यूरल हियरिंग लॉस और इससे कैसे बच सकते हैं आप?
क्या है न्यूरल हियरिंग लॉस
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार मानें तो, ये एक ऐसा डिसऑर्डर होता है जिसमें सुनने की क्षमता के ऊपर गहरा प्रभाव पड़ता है। कान के भीतर मौजूद पैथोलॉजी और कोक्लीयर तंत्रिका, ये वो तंत्रिका होती है जो दिमाग के भीतर ऑडियो सिग्नल तक पहुंचाती है, उसके डैमेज हो जाने की वजह से सुनाई देना बिल्कुल बंद हो जाता है। ऐसा हो जाने पर धीरे धीरे सुनाई देने लगने कि क्षमता भी जाने लगती है।
क्या होते हैं न्यूरल हियरिंग लॉस के मुख्य कारण
बहुत बार ये वायरल संक्रमण के कारण भी हो सकता है।
मेन रीजन तो वैसे जन्मजात से होता है।
उम्र बढ़ने के कारण इस तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
दिमाग में ट्यूमर के कारण, इस तरह की समस्या आ सकती है।
कैसे बचा जा सकता है न्यूरल लॉस से
ज्यादा शोर गुल रहने वाली जगहों पर जानें से बचें।
हाई डेसिबल साउंड से बचें।
कान में किसी तरह की समस्या होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
घर पर इलाज करने से और घरेलू नुस्खे अपनाने से बचें।