हाईकोर्ट ने केंद्र और प्रदेश सरकार से मांगा जवाब
19 दिसंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई
(आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में नव गठित मंत्रिमंडल को चुनौती देते हुए पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में एडवोकेट जगमोहन भट्टी द्वारा दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट को एडवोकेट जगमोहन भट्टी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने तय सीमा से ज्यादा मंत्री बनाए है। मंत्रिमंडल में 13.5 मंत्री हो सकते है। जबकि सरकार ने 14 मंत्री बनाए है। इस पर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र व हरियाणा सरकर को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी। जगमोहन भट्टी ने कहा कि संविधान के 91वें संशोधन के तहत राज्य में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती। एडवोकेट जगमोहन भट्टी ने याचिका में आरोप लगाया गया है कि हरियाणा सरकार द्वारा जो मंत्री पद और कैबिनेट रैंक बांटी गई है, उसका सीधा असर जनता पर पड़ रहा है। विधायकों को खुश करने के लिए मंत्रियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। गौरतलब है कि गत 17 अक्टूबर को नायब सैनी के अलावा 13 मंत्रियों ने शपथ ली थी। इसके बाद 18 अक्टूबर को एडवोकेट जगमोहन भट्टी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। जिस पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों को बनाया प्रतिवादी
याचिका में भट्टी ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, अनिल विज, कृष्णलाल पंवार, राव नरबीर, महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, डॉ. अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण कुमार बेदी, श्रुति चौधरी, आरती राव, राजेश नागर और गौरव गौतम के अलावा केंद्र सरकार व हरियाणा विधानसभा को प्रतिवादी बनाया है। आपको बता दे कि इससे पहले भी पूर्व की दो सरकारों के मंत्रिमंडल को एडवोकेट जगमोहन भट्टी ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।
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