नई दिल्ली। केरल के सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को जाने की अनुमति देने के संबंध में याचिकाओं पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई। इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट की नौ न्यायाधीशों की एक संविधान पीठ ने सुनवाई की। इसके साथ ही मुस्लिम और पारसी महिलाओं के खिलाफ कथित भेदभाव के अन्य विवादास्पद मुद्दों पर भी सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट अब तीन सप्ताह बाद सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की संविधान पीठ ने कहा कि हम सबरीमला मामले की पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई नहीं कर रहे बल्कि पांच न्यायाधीशों की पीठ द्वारा पहले भेजे गए मुद्दों पर विचार कर रहे हैं। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय पीठ 60 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। पीठ में शामिल अन्य न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति एम एम शांतनगौडर, न्यायमूर्ति एस ए नजीर, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत शामिल हैं। बता दें कि इसके पहले पूर्व सीजेआई रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यी टीम ने तीन दो के प्रतिशत से आदेश दिया था कि सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश दिया जाना चाहिए।