Health Tips: हृदय रोग, दुनियाभर में हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनते हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि कम उम्र के लोग भी इस गंभीर समस्या के शिकार हो रहे हैं। वैसे तो लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी को हृदय रोगों का प्रमुख कारक माना जाता है पर क्या आप जानते हैं कि हमारे दैनिक जीवन में होने वाली कई स्थितियां भी ऐसी हैं जो हृदय रोग यहां तक कि हार्ट अटैक को भी ट्रिगर कर सकती हैं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, क्रोध, दुःख और तनाव जैसी स्थितियों का भी हृदय की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आमतौर पर इनपर लोगों का ध्यान नहीं जाता है हालांकि दीर्घकालिक तौर पर सेहत को इसके कारण नुकसान पहुंचने का जोखिम रहता है।
हृदय रोगों का खतरा
हृदय रोग विशेषज्ञ कहते हैं, आहार और दिनचर्या को ठीक रखना तो जरूरी है ही साथ ही दैनिक जीवन की कुछ और स्थितियों को लेकर भी सभी लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। अध्ययनों से पता चलता है कि नींद में दिक्कत होना, माइग्रेन, वायु प्रदूषण के संपर्क में रहना और यहां तक कि बहुत अधिक तनाव लेना भी हृदय की सेहत के लिए ठीक नहीं हैं। इन छोटी-छोटी चीजों के कारण भी आप गंभीर समस्याओं के शिकार हो सकते हैं इसलिए समय रहते इनपर ध्यान देना आवश्यक है।
अधिक तीव्रता वाले व्यायाम भी हानिकारक
फिट रहने और शरीर को सक्रिय रखने के लिए सभी लोगों को नियमित रूप से व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। हालांकि अध्ययनों में पाया गया है कि यदि आप अधिक तीव्रता वाले या अपनी क्षमता से अधिक व्यायाम करते हैं तो इससे भी हृदय की सेहत पर असर हो सकता है। लगभग 6% दिल के दौरे अत्यधिक व्यायाम के कारण देखे जाते रहे हैं। तीव्र स्तर वाले अभ्यास के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने का जोखिम रहता है जिससे हार्ट अटैक जैसी गंभीर और जानलेवा समस्याओं का जोखिम हो सकता है।
नींद न पूरी होना भी खतरनाक
जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती है उनमें कई तरह की गंभीर और क्रोनिक बीमारियों का खतरा हो सकता है। अगर आप नियमित रूप से पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो आप चिड़चिड़े और थके हुए महसूस कर सकते हैं, वहीं लंबे समय तक बनी रहने वाली नींद की समस्या के कारण दिल का दौरा पड़ने का जोखिम भी बढ़ सकता है।
वायु प्रदूषण का हृदय स्वास्थ्य पर असर
व्यायाम और नींद के अलावा वायु प्रदूषण का भी हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर होता है। अधिक प्रदूषण वाले इलाके में रहने वाले लोगों में हार्ट अटैक का जोखिम अधिक देखा जाता रहा है। नियमित रूप से प्रदूषित हवा में सांस लेने वाले लोगों में धमनियों के बंद होने और हृदय रोग होने की आशंका अधिक होती है। इसी तरह से ट्रैफिक और प्रदूषण में बैठना विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है। वायु प्रदूषण के कारण होने वाली जटिलताओं को लेकर भी सर्तकता बरतना जरूरी है।