Health Tips: देर तक एक ही पोज़िशन में बैठे रहने से अक्सर पैरों में झनझनाहट महसूस होने लगती है। कभी कभी होने वाली झनझनाहट जब लगातार बढ़ने लगती है, तो ये किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकती है। नर्वस की इस समस्या में पैरों और हाथों में सुई जैसी चुभन का अनुभव होने लगता है। इसके चलते चलने फिरने में कुछ देर परेशानी आती है और फिर से शरीर सामान्य हो जाता है। मगर इस समस्या का नज़रअंदाज़ करना किसी बड़ी समस्या का कारण बन सकता है। जानते हैं एक्सपर्ट से पैरों और टांगों में महसूस होने वाली झनझनाहट के कारण उससे उबरने के उपाय भी।
1. डायबिटीज की समस्या
बार बार हाथों और पैरों की झनझनाहट के पीछे डायबिटीज़ एक मुख्य कारण साबित होता है। डॉ रजत अग्रवाल बताते हैं कि हाई ब्लड शुगर के कारण नर्व डैमेज का जोखिम बढ़ जाता है, जिसे डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है। शुरूआत में हाथों और पैरों में सुन्नता और झनझनाहट होने लगती है। इसके अलावा दर्द, ऐंठन और कमजोरी भी महसूस की जाती हैं। मगर धीरे धीरे ये समस्या इलाज न मिलने पर टांगों और बाजूओं में भी पहुंचने लगती है।
2. विटामिन बी 12 की कमी
शरीर में विटामिन बी 12 की उच्च मात्रा से नर्वस और ब्रेन की फंक्शनिंग में मदद मिलती है। नियमित मात्रा में इसके सेवन से शरीर में रेड ब्लड सेल्स की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे ऑक्सीजन का प्रवाह बना रहता है। मगी शरीर में विटामिन बी 12 की कमी से नसों को नुकसान पहुंचता है जिससे हाथों और पैरों में सेंसेशन बढ़ने लगती है। इससे मांसपेशियों में कमजोरी के अलावा डिमेंशिया और तनाव का खतरा भी बढ़ जाता है।
3. हाइपोथायरायडिज्म का बढ़ना
शरीर में थायराइड हार्मोन में बढ़ने वाले इंबैलेंस के चलते हाइपोथायरायडिज्म का सामना करना पड़ता है। इसके चलते शरीर में थकान, हाथों पैरों में झनझनाहट और एनर्जी का लेवल कम होने लगता है। दरअसल, हाइपोथायरायडिज्म से शरीर में फ्लूइड का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे हाथों और पैरों की नसों पर दबाव बढ़ जाता है। इससे सुन्नपन की शिकायत बढ़ने लगती है। इसका असर मेटाबॉलिज्म और मानसिक स्वास्थ्य पर भी दिखता है।