Health Tips: बरसात में दूध का सेवन न करने से शरीर को होने वाले नुकसान

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बरसात में दूध का सेवन न करने से शरीर को होने वाले नुकसान

Health Tips: मानसून के दौरान बार बार होने वाली बारिश की फुहारों से उमस की समस्या का सामना करना पड़ता है। दरअसल, वातावरण में मौजूद नमी का स्तर बक्टीरियल इंफेक्शन के बढ़ने का कारण साबित होने लगता है। इससे खान पान की वस्तुओं में संक्रमण के जोखिम का खतरा बढ़ जाता है। खासतौर से डेयरी प्रोडक्टस में दूध के सेवन से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना आवश्यक है। हांलाकि बरसात के दिनों में अधिकतर लोग दूध के सेवन को बंद कर देते हैं। मगर कुछ सामान्य बदलाव लाकर दूध को हेल्दी बनाकर इसके पोषक तत्वों को ग्रहण किया जा सकता है।

1. इम्यून सिस्टम कमज़ोर होना

दूध में इम्युनोग्लोबुलिन की मात्रा पाई जाती है, जो प्रोटीन के रूप में शरीर के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं। इससे शरीर बैक्टीरियल इंफेक्शन से लड़ने में सक्षम हो पाता है। साथ ही मौसमी बीमारियों के प्रहार से भी मुक्ति मिल जाती है।

2. थकान और कमजोरी

दूध ऊर्जा का एक मुख्य स्रोत है। दूध का सेवन न करने से शरीर में थकान और कमजोरी का सामना करना पड़ता है। वे लोग जो मानसून में इनडाइजेशन का सामना करते हैं, वे दूध को पीने के तरीके में सामान्य बदलाव ला सकते हैं। इसके अलावा दूध को दही और लस्सी से स्वैब कर सकते हैं।

3. पाचन संबंधी समस्याएं

दूध में प्रोबायोटिक प्रॉपर्टीज़ पाई जाती है। इससे डाइजेशन को बूस्ट करने में मदद मिलती है और आंतों के स्वास्थ्य को मज़बूती मिलती है। ऐसे में दूध को लगातार स्किप करने से ब्लोटिंग, कब्ज या दस्त का सामना करना पड़ता है।

4. विटामिन डी की कमी

नियमित रूप से दूध का सेवन करने से शरीर को विटामिन डी की प्राप्ति होती है। इससे दांतों और हड्डियों को मज़बूती मिलने लगती है। मानूसन में सन एक्सपोज़र खुद ब खुद घट जाता है। ऐसे में दूध स्किप करने से विटामिन डी की कमी बढ़ जाती है।

5. शरीर में पोषण की कमी

रोज़ाना दूध स्किप करने से शरीर में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन बी की कमी बढ़ जाती है। इससे आस्टियोपिरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। दूध को मॉडरेट ढ़ग से पीने से शरीर को पोषण की प्राप्ति होती है।