देश के गृहमंत्री अमित शाह भी कोरोना की जद में आ गए। जैसे ही उनके कोरोना पॉजिटिव होने की खबर आईअमित शाह ने इसकी सूचना अपने ट्विटर पर सभी को दी और साथ ही उन्होंने लिखा कि जो लोग भी दो-तीन दिनों के भीतर उनसे मिले हो उन्हेंकोरोना टेस्ट कराने की सलाह दी। हालांकि उनकी तबीयत ठीक थी लेकिन डाक्टरोंकी सलाह पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन उनके एम्स जैसेप्रतिष्ठित सरकारी अस्पताल में न जाकर गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती होने के कारण सवाल उठाए जा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने भी अमित शाह पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस की ओर से आरोप लगाए गए कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह विफल हैं। इसलिए, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं।

पार्टी ने कहा कि शायद उन्होंने भारत को आत्मनिर्भर बनने के लिए छोड़ दिया है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला नेकहा कि कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस समय यह आंकड़ा उठारह लाख पहुंच गया है। रोज के कोरोना संक्रमितों की संख्या 53 हजार पहुंच गई है। 38 हजार लोग अब तक मर चुके हैं। देश में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह विफल हैं। मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री निजी अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं। ऐसे में मोदी सरकार कहां है। क्या उन्होंने भारत को आत्मनिर्भर बनने के लिए छोड़ दिया है। वहीं शशि थरूर ने भी अमित शाह के निजी अस्पताल में भर्ती होने पर आश्चर्य दिखाया। उन्होंने  ट्वीट किया कि गृहमंत्री बीमार होने पर एम्स में इलाज करने की बजाय पड़ोसी राज्य के एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए हैं। सार्वजनिक संस्थानों में आम लोगों का विश्वास बढ़े, इसके लिए उसे प्रभावशाली लोगों का संरक्षण हासिल करने की जरूरत होती है।