Haryana Assembly Election: टिकट बंटवारे के बीच हरियाणा कांग्रेस प्रभारी की तबीयत बिगड़ी

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दीपक बाबरिया
दीपक बाबरिया

एम्स से घर लौटे, वर्कर-नेताओं की मीटिंग से दूरी बनाएंगे
Hisar News (आज समाज) हिसार: हरियाणा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे के बीच कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया की सोमवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। ब्लड प्रेशर बढ़ने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया। यहां डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें इन्फेक्शन हुआ है। ट्रीटमेंट के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई है। डॉक्टरों ने बाबरिया को आराम करने की सलाह दी है। वह आज किसी बैठक में शामिल नहीं होंगे। उधर, आज कांग्रेस की तरफ से हरियाणा चुनाव के लिए अअढ से गठबंधन की घोषणा होनी है। 2 दिन पहले ही बाबरिया के वीडियो वायरल हुए थे, जिसमें वह कांग्रेस के टिकट दावेदारों के आगे निराशा जाहिर कर रहे थे। प्रदेश में कांग्रेस अभी तक उम्मीदवारों की 2 लिस्ट जारी कर चुकी है। जिसमें 41 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों के लिए 2,556 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। टिकट बंटवारे में बाबरिया की सबसे बड़ी भूमिका था। इसके अलावा राहुल गांधी ने प्रदेश में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की जिम्मेदारी भी बाबरिया को सौंपी थी।

टिकट दावेदारों ने बाबिरया का किया था घेराव

6 सितंबर को कांग्रेस की पहली लिस्ट आई थी। इसके बाद टिकट के दावेदारों ने दिल्ली में दीपक बाबरिया का घेराव किया। नेताओं ने उनसे सवाल पूछने शुरू करते हुए हंगामा किया। इसके बाद कुछ लोग दीपक बाबरिया को वहां से निकालकर आॅफिस ले गए। इसके बाद दीपक बाबरिया ने आॅफिस में टिकट दावेदारों से बातचीत की। यहां उनकी आंखों से आंसू निकल आए। इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने उनसे कहा कि आप हमारे हनुमान हो सर। इसके 2 वीडियो भी सामने आए थे।

बाबरिया की खड़गे के करीबियों में गिनती

ओबीसी वर्ग से आने वाले दीपक बाबरिया कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेहद करीबी माने जाते हैं। कांग्रेस ने जब कर्नाटक में जीत हासिल की तो पार्टी ने विधायक दल के नेता का चुनाव करने के लिए उन्हें ही कर्नाटक भेजा था। इसके बाद पार्टी ने उन्हें दिल्ली और हरियाणा का प्रभारी बनाया। कार्यभार संभालते ही बाबरिया ने साफ संदेश दे दिया था कि जो पार्टी के लिए निष्ठा से काम करेगा, उसे तवज्जो मिलेगी। बाबरिया पूर्व में सांसद कांग्रेस के प्रभारी भी रह चुके हैं। उनकी पहचान राहुल गांधी के भरोसेमंद साथी के रूप में भी है।