Health news: पारस हॉस्पिटल, पंचकूला में सफल एलोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट से बैंकअधिकारी की बचाई गई जान

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चंडीगढ़ (आज समाज): अंबाला के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एक अधिकारी एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमियासे पीड़ित थे। पंचकूला के डॉक्टरों द्वारा उनकी बहन के स्टेम सेल का उपयोगकरके सफलतापूर्वक इलाज करने के बाद उन्हें एक नया जीवन दिया गया। गौरतलब है कि एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया एक गंभीर और संभावित रूप सेघातक प्रकार का ब्लड कैंसर होता है। अंबाला के एक स्टेट बैंक ऑफ इंडियाअधिकारी 45 वर्षीय सुरेश (बदला हुआ नाम) अब गंभीर एलोजेनिक बोन मैरोट्रांसप्लांट (एलोबीएमटी) के बाद पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। जीवन बचाने वालीयह प्रक्रिया पारस हॉस्पिटल की हेमेटोलॉजी और ऑन्कोलॉजी सर्विसेज में एकमहत्वपूर्ण उपलब्धि है।

सुरेश (बदला हुआ नाम) को सितंबर 2023 में लगातार कमज़ोरी का अनुभव होनेपर स्थानीय हॉस्पिटल में दिखाया गया। शुरू में एनीमिया का डायग्नोसिस होनेके बाद उन्होंने पारस हॉस्पिटल, पंचकूला के हेमटोलॉजी डिपार्टमेंट में आगे कीकंसल्टेशन की मांग की। यहां एक विधिवत जांच के बाद उनमें एक्यूट माइलॉयडल्यूकेमिया का डायग्नोसिस किया गया।

डॉ. (ब्रिगेडियर) अजय शर्मा, डॉयरेक्टर और एचओडी हेमेटो-ऑन्कोलॉजी औरबोन मैरो ट्रांसप्लांट, पारस हेल्थ, पंचकूला ने इस केस के बारे में बताते हुए कहा, “एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया एक तेजी से बढ़ने वाला कैंसर है जो ख़ून और बोनमैरो को प्रभावित करता है। इस केस में मौजूद बीमारी की आक्रामक प्रकृति औरआनुवंशिक जोखिम फैक्टर्स को देखते हुए मरीज़ के बचने की संभावना बढ़ाने केलिए एलोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट जरूरी समझा गया। हम भाग्यशाली हैं किहमें उनकी बहन में पूरी तरह से एचएलए -मिलान वाला डोनर मिला, जिससेसफल ट्रांसप्लांट की संभावनाएँ काफी हद तक बेहतर हो गईं। यह मिलानमहत्वपूर्ण था क्योंकि इसने ट्रांसप्लांट रिजेक्शन और अन्य कॉम्प्लिकेशन केखतरे को काफी कम कर दिया।”

फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ. पंकज मित्तल ने इस बारे में कहा, “पारस हेल्थ पंचकूलामें एक व्यापक और एडवांस्ड कैंसर सेटअप है, जिसमें होलिस्टिक कैंसर केयरप्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई डायग्नोस्टिक, थेरेप्टिक और कई सपोर्टिवकेयर सर्विसेस शामिल है। यह फैसिलिटी आम तौर पर एक ही छत के नीचेविभिन्न प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए अत्याधुनिक तकनीक और एक मल्टीडिसिप्लिनरी टीम दृष्टिकोण प्रदान करती है। हम ट्राई-सिटी क्षेत्र में एकमात्रप्राइवेट हॉस्पिटल हैं जो बोन मैरो ट्रांसप्लांट करता हैं। यह हमें इस क्षेत्र में अन्यहेल्थकेयर प्रोवाइडर से अलग बनाता है और हमारी फैसिलिटी की एडवांस्डक्षमताओं को दर्शाता है।”

ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन एंड ब्लड सेंटर के कंसल्टेंट डॉ. पुनीत सचदेवा ने कहा, “आजकल ब्लड सेंटर केवल ब्लड कलेक्शन, प्रोसेसिंग और ब्लड इश्यू करने तकही सीमित नहीं हैं, बल्कि इन्हें ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन डिपार्टमेंट में अपग्रेड कियागया है।