Health Ministry Clarification: दिल्ली एम्स में मिले मामलों का चीन के निमोनिया से नहीं कोई कनेक्शन

0
174
Health Ministry Clarification
दिल्ली एम्स में मिले मामलों का चीन के निमोनिया से नहीं कोई कनेक्शन : केंद्रीय मंत्रालय

Aaj Samaj (आज समाज), Health Ministry Clarification, नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को पूरी तरह निराधार बताया है जिनमें कहा गया है कि नई दिल्ली के आल इंडिया इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज (एम्म) में मिले बैक्टीरियल केसों का चीन में फैले रहस्यमयी निमोनिया से कनेक्शन है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि दिल्ली एम्स में मिले बैक्टीरियल मामलों का चीन में हुए निमोनिया आउटब्रेक से कोई कनेक्शन है और मीडिया की इस संबंध में सामने आई सभी रिपोर्ट्स भ्रामक और गलत हैं।

  • मंत्रालय ने मीडिया रिपोर्टों को खारिज किया
  • ज्यादातर रोगी बच्चे, भरे हैं चीन के अस्पताल

चीन में फैला है रहस्यमयी निमोनिया

बता दें कि चीन में फैले रहस्यमयी निमोनिया ने पूरी दुनिया में चिंता बढ़ा दी है। चीन के अस्पतालों में ज्यादातर माइकोप्लाज्मा निमोनिया से पीड़ित बच्चे भरे पड़े हैं, जिसे वॉकिंग निमोनिया या व्हाइट लंग सिंड्रोम भी कहा जा रहा है। हाल ही में इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल लेंसेट में प्रकाशित एक स्टडी के हवाले से कई मीडियो रिपोट्स में कहा गया है कि चाइनीज निमोनिया ने भारत में भी दस्तक दे दी है।

लेंसेट की रिपोर्ट एक प्रमुख डॉक्टर का हवाला दिया

लेंसेट की इस रिपोर्ट और एम्स में इस स्टडी को करने वाली एक प्रमुख डॉक्टर के हवाले से कहा गया कि नई दिल्ली एम्स में सितंबर 2022 से लेकर अप्रैल 2023 तक सात मामले वॉकिंग निमोनिया (माइकोप्लाज्मा निमोनिया) के आए थे। लेंसेट की इस स्टडी के आधार पर चलाई जा रही खबरों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब स्पष्टीकरण जारी कर कहा है कि माइकोप्लाज्मा निमोनिया समुदाय से प्राप्त होने वाले निमोनिया का सबसे कॉमन बैक्टीरियल कारण है और दिल्ली एम्स में मिले निमोनिया के मामलों का चीन के बच्चों में फैले रेस्पिरेटरी संक्रमण की लहर से कोई लेना देना नहीं है।

माइकोप्लाज्मा निमोनिया के ये होते हैं लक्षण

दरअसल देश में माइकोप्लाज्मा निमोनिया का परीक्षण समय-समय पर ग्लोबल सर्विलांस ग्रुप की तरफ से किया जाता है। चीनी मीडिया ने पहली बार 23 नवंबर को स्कूलों में एक रहस्यमयी बीमारी फैलने की बात कही थी। चीन में पहली बार अक्टूबर में माइकोप्लाज्मा निमोनिया के मरीज मिले थे। माइकोप्लाज्मा निमोनिया से ग्रसित बच्चों में खांसी, जुकाम, फेफड़ों में जलन, तेज बुखार के लक्षण दिखते हैं। इसको लेकर भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से 10 दिन पहले ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एडवाइजरी जारी की गई थी।

यह भी पढ़ें: 

Connect With Us: Twitter Facebook