(Health-insurance) जानें आखिर क्या है पोर्टेबिलिटी के अधिकार जी हा आप भी बेहतर सर्विस के लिए हेल्थ-इंश्योरेंस कंपनी बदल सकते है। यह अधिकार साल 2011 से इंश्योरेंस खरीदारों को इंश्योरेंस रेगुलेटर इरडा ने दिए हुए है। इसका प्रयोग इंश्योर्ड व्यक्ति अपनी पॉलसी को किसी दूसरी कंपनी के साथ बदलने के लिए कर सकता है।
अगर आप इंश्योरेंस कंपनी की सर्विस से नहीं हो संतुष्ट
अगर आप इंश्योरेंस कंपनी की सर्विस से नहीं हो संतुष्ट तो आप भी पोर्टेबिलिटी के अधिकार का प्रयोग करके दूसरी कंपनी में स्विच कर सकते है। या फिर कोई और कंपनी आपको बेहतर ऑफर्स दें रही है या ज्यादा फीचर्स दें रही है। तो आप अपने इस अधिकार का प्रयोग कर सकते है। इसमें आपको कोई भी अतरिक्त फीस नहीं लगती और इसमें पुरानी पॉलसी के लाभ को भी नुकसान नहीं होता। इस मामले में सहूलियत बानी रहती है।
किन बातों का रखें ध्यान
पोर्टेबिलिटी प्रक्रिया पॉलिसी रिन्यू होने की तारीख से 45 दिन पहले शुरू करें । नई कंपनी इनकार करे तो आपके पास पहली बीमाकर्ता के साथ बने रहने का विकल्प होगा। बता दें कि किसी भी जोखिम से बचने के लिए नई कंपनी को अपनी बीमारी के बारे में पूरी जानकारी दें। सुनिश्चित करें कि नई पॉलिसी आपके लिए जरूरी सभी बेनिफिट कवर करती है।
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