एक्टिव केस फाइंडिग कैंपेन के तहत करेगी स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर टीबी मरीजों की पहचान

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Health department team will go door-to-door to identify TB patients
Health department team will go door-to-door to identify TB patients

नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2025 तक टीबी को प्रदेश से खत्म करने के उद्देश्य से जिला में एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन की शुरुआत की है। यह कैंपेन जिले में आगामी 2 फरवरी तक चलेगा। इस कंपनी के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर टीबी मरीजों की पहचान करेगी। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. हर्ष चौहान ने घर-घर जाकर टीबी मरीजों की पहचान करने के लिए ऑटों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

प्रतिमाह 500 रुपए की प्रोत्साहिन राशि

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. हर्ष चौहान ने बताया की 2 जनवरी से 2 फरवरी तक चलने वाले इस कैंपेन के दौरान जिला महेन्द्रगढ टीबी यूनिट को टीबी मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम जिला कारावास व शहर में घर-घर जाकर टीबी मरीजों की पहचान करते हुए टीबी युक्त मरीजों को सरकार की योजना के तहत सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर दवाइयां मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएंगी। निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी के मरीजों को इलाज चलने तक प्रतिमाह 500 रुपए भी प्रोत्साहिन राशि के रुप में दिए जाते हैं।

इस मौके पर जिला क्षय रोग केन्द्र से चिकित्सा अधिकारी डा. मनीष यादव ने बताया कि टीबी का शुरुआती लक्षण खांसी है। दो सप्ताह से ज्यादा खांसी आना, बार-बार पसीना आना, थकावट होना, वजन घटना, सांस लेने में परेशानी आना, गर्दन में गांठ आना टीबी के मुख्य लक्षणों में शामिल है। इस विशेष कैंपेन में अति संवेदनशील जगह जैसे क्रैशर जोन, ईंट भट्टे, झुगी झोपडियां या कंसट्रक्शन साईट पर स्वास्थ्य विभाग की टीम जाकर लोगों के बलगम के सैम्पल लक्षणानुसार लेकर प्रयोगशाला में जांच के लिए भिजवाएंगे ताकि इस अभियान को सफल बनाया जा सके।

इस मौके पर ये सभी मौजूद

इस मौके पर औषधारक विकाश ग्रोवर, डीपीसी भुपेन्द्र सैनी, पीपीएम मनोज कुमार, डीपीएस रविन्द्र कुमार, डीईओ चिरंजी लाल, एसटीएस विष्णु चौहान, टीबीएचवी रेखा वद्यावन, टीबीएचवी दीपक प्रकाश, कमल सैनी प्रयोगशाला तकनिशियन मौजूद थे।

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