Health And Hygiene Awareness Campaign
इशिका ठाकुर, घरौंडा/करनाल
जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग की अतिरिक्त निदेशक वर्षा खनगवाल ने कहा कि महिला सशक्तिकरण तभी संभव है, जब महिलाएं स्वस्थ हों। स्वस्थ महिला ही भविष्य में आगे बढ़ सकती है और अपने परिवार की उन्नति के लिए कार्य कर सकती है। वह रविवार को घरौंडा खंड के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय व कैमला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कुमुदिनी संस्कृति फाउंडेशन की ओर से महिलाओं व किशोरियों के लिए आयोजित हैल्थ एण्ड हाईजीन जागरूकता अभियान में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थी।
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उन्होंने कहा कि किशोरियों और महिलाओं में होने वाली मासिक धर्म एक सामान्य प्रक्रिया है, जिससे हर महिला को गुजरना पड़ता है। लेकिन शुरूआत में कम उम्र की लड़कियां जब इस दौर से गुजरती हैं तो बताने में हिचक महसूस करती हैं। बच्चियों की माताओं को यह बात समझनी चाहिए कि वे अपने बेटियों के साथ इस विषय पर बात करें तथा उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाएं।
इस विषय पर बेटियों के हर सवाल का उचित जवाब दें। इस संबंध में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर खुलकर अपनी माता से बात करें और जरूरत पडऩे पर चिकित्सक से परामर्श लें। उन्होंने कहा कि बेटियों को अपने स्वास्थ्य व शिक्षा की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए और पुरूषों को भी महिलाओं को आगे बढऩे के सभी अवसर प्रदान करने चाहिए। उन्होंने महिला अध्यापकों का भी आह्वन किया कि बढ़ती उम्र की छात्राओं से इस विषय पर बात करें और उनका ज्ञानवर्धन करें।
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इस मौके पर कुमुदिनी संस्कृति फाउंडेशन की अध्यक्षा रेशमा कल्याण ने बताया कि आज लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है और अपना मुकाम हासिल कर रही है। उन्होंने बताया कि ऐसा कोई काम नहीं है जो लड़कियां नहीं कर सकती। उन्होंने लड़कियों को जानकारी दी कि मासिक धर्म कोई रोग नहीं है न ही ये कोई गन्दी चीज है, ये प्रकृति की देन है और हर लड़की को इस अवस्था से निकलना होता है।
इसलिए हमें इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए और अपनी परेशानी को अपने माता-पिता एवं शिक्षक के साथ खुलकर रखना चाहिए। महिलाओं और बच्चियों को मासिक धर्म स्वच्छता एवं स्वच्छता न रखने के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत अधिक से अधिक छात्राओं व किशोरियों को इस विषय पर जागरूक किया जाएगा।
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कार्यक्रम में हैल्थ एण्ड हाईजीन विषय की विशेषज्ञा व मशहूर गायनाकॉलोजिस्ट डा. ज्योति गुप्ता ने छात्राओं को जागरूक करते हुए कहा कि कुछ किशोरियों को मासिक धर्म 12 से 13 वर्ष की उम्र में तथा कुछ को 15 स 16 वर्ष की आयु में होना शुरू होता है। इसमें घबराने की कोई बात नहीं है, यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो 2 से 5 दिन तक रहती है तथा इसके पुन: दोहराने में 28 दिन का समय लगता है।
अगर यह समय कुछ ज्यादा या कम लगे तो इसे असामान्य मानकर चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। उन्होंने इस समयावधि से पूर्व, इस समयावधि में तथा इसके उपरांत क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए इस विषय पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कपड़े का प्रयोग न करके सैनेटरी नैपकिन के प्रयोग पर बल दिया। उन्होंने छात्राओं को हाईजीन मैंटेन करने के लिए टिप्स भी बताए और कहा कि अपनी दिनचर्या में पौष्टिक आहार व व्यायाम को शामिल करें।
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इस मौके पर महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी राजबाला ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि लड़कियां कमजोर नहीं है, उन्हें शिक्षित होकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढऩा है। केवल शादी कर परिवार चलाना ही लड़कियों का लक्ष्य नहीं होना चाहिए, रूचि अनुसार विषय पढ़ें और अपने विषय पर पकड़ रखें। इस कार्यक्रम में चंडीगढ़ से आए ‘अलंकार थिएटर ने नुक्कड़ नाटक के जरिए मासिक धर्म से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर छात्राओं को जागरूक किया। इस मौके पर स्कूल स्टाफ ने आए हुए अतिथियों का पुष्प गुच्छ व पौधा देकर सम्मानित किया।
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इस मौके पर खंड शिक्षा अधिकारी सुदेश ठुकराल, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की प्रधानाचार्या चारू मक्कड़, कैमला राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य ओम प्रकाश, रसायन प्रवक्ता नरेश शर्मा, गणित प्रवक्ता राकेश ढिंगरा, वरिता फाऊंडेशन से समाजसेवी बलजीत सहित अन्य शिक्षकगण व स्टाफ तथा भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित रही।
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