Havan Yagya Organized On Birth Anniversary Of Swami Dayanand हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में स्वामी दयानंद की जयंती पर किया हवन यज्ञ का आयोजन
नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ :
Havan Yagya Organized On Birth Anniversary Of Swami Dayanand : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय जाट पाली में स्वामी दयानन्द सरस्वती जयन्ती के उपलक्ष्य में दयानन्द सरस्वती शोधपीठ, संस्कृत विभाग व योग विभाग के मिलित प्रयत्न से हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। इसमें ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों से 40 से अधिक विद्यार्थी जुड़े। (Havan Yagya Organized On Birth Anniversary Of Swami Dayanand) इसमें शोधपीठ के निदेशक प्रो. रणवीर सिंह जी भी आभासीय रूप में उपस्थित रहे।
वही कार्यक्रम में योग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अजयपाल, संस्कृत विभाग से डॉ. रविदत्त शर्मा और डॉ. बिपिन कुमार झा उपस्थिति रहे। यज्ञकर्म डॉ. रविकुमार शास्त्री के द्वारा सम्पादित किया गया। (Havan Yagya Organized On Birth Anniversary Of Swami Dayanand) डॉक्टर रविकुमार शास्त्री ने स्वामी दयानंद सरस्वती के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वे आधुनिक भारत के महान चिन्तक, समाज-सुधारक तथा आर्य समाज के संस्थापक थे।
वेदों की सत्ता को सदा सर्वोपरि माना
उन्होंने वेदों के प्रचार और आर्यावर्त को स्वंत्रता दिलाने के लिए मुम्बई में आर्यसमाज की स्थापना की। वे एक संन्यासी तथा एक चिन्तक थे। उन्होंने वेदों की सत्ता को सदा सर्वोपरि माना। महर्षि दयानंद जी ने इस भारत भूमि पर ऐसे समय पर कार्य किया जिस समय में मुगलों की संस्कृति के प्रभाव के साथ-साथ अंग्रेजों की दास्ता में हम लोग जीवन जीने को मजबूर थे।
वहीं हमारी संस्कृति , (Havan Yagya Organized On Birth Anniversary Of Swami Dayanand) परंपराएं व मूल्य को हम बिल्कुल भूल चुके थे ऐसी विषम परिस्थितियों में उस महर्षि ने वेदों का अलख जगाया। इस मौके पर प्रदीप, कृष्ण, अक्षय मालडा, संदीप सेठ, देवेन्द्र, सरिता, समिता, गीता, चंचल, नवीन कुमारी, सविता, भरपाई देवी, दीक्षा, भारती, पूनम, नीरू, सुनील, रवीन्द्र चौहान, प्रदीप, रोहित, सोमवीर, निहाल, नित्यानन्द, देवेन्द्र हाडा आदि उपस्थित रहे ।