नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
रेलवे रोड़ स्थित श्री विष्णु भगवान मन्दिर में चल रही नौ दिवसीय संगीतमयी श्री राम कथा का रविवार को हवन के साथ समापन हुआ। हवन आचार्य शिवराम शास्त्री द्वारा संपन्न हुआ। इसमें नगर से बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। हवन करीब सुबह 10 बजे प्रारम्भ हुआ।
इस दौरान मनोहर लाल झूकिया व मुन्नी देवी, आत्माराम एवं शशि बाला एवं सुरेन्द्र बंटी व रीना बंटी मुख्य यजमान के रूप में उपस्थित रहे। हवन में श्रद्धालुओं ने वैदिक मंत्रों के साथ आहुतियां डाल कर पुण्य का लाभ लिया। पिछले नौ दिनों से मंदिर में संगीतमयी श्री राम कथा का आयोजन श्रीधाम अयोघ्या से पधारे स्वामी राम सुमिरन दास महाराज, शिवराम पांडे शास्त्री, भजूमन दास, नरेंद्र दास महाराज ने बडे़ ही रोचक तरीके से किया। नौ दिनों तक मंदिर में चली रामकथा से वातावरण पूरी तरह भक्तिमय बना रहा तथा बड़ी संख्या में लोगों ने इस आयोजन में पहुंचकर रामकथा का आंनद उठाया।
हवन न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण :- शंकर लाल
नौ दिवसीय रामकथा के समापन अवसर पर श्रीधाम अयोघ्या से पधारे स्वामी राम सुमिरन दास महाराज ने श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि ग्रंथों का पूर्ण लाभ लेने के लिए उन्हें जीवन में उतारना आवश्यक है। कथा में वर्णित राम राज्य के संदर्भ को स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया कि रामराज्य एक आदर्श राज्य है। रामराज्य में कहीं चोरी, भ्रष्टाचार, झूठ एवं घृणा नहीं है, अपितु चारों तरफ प्रेम भाईचारा, सौहार्दय और सद्भावना दृष्टिगोचर होती है। आज भी इन्हीं सब गुणों की आवश्यकता है। ऐसा रामराज्य जीवन में आ जाये, इसके लिए आवश्यक है राम को जान लेना। पूर्ण गुरू की कृपा से ही जीव अपने अंतः करण में श्रीराम का दर्शन करता है तभी श्री राम के गुण जीवन में आते हैं और तभी रामराज्य की स्थापना जीवन में हो सकती है।
इस अवसर पर मन्दिर कमेटी प्रधान मनोहर लाल झुकिया ने कहा कि रामकथा के आयोजन से लोगों में धर्म के प्रति जागरूकता बढ़ी है जो शुभ संकेत है। कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति से जुड़े सभी सदस्यों का भरपूर सहयोग रहा।
मन्दिर प्रभारी शंकर लाल ने कहा कि सनातन हिंदू धर्म में हवन का विशेष महत्व होता है। पूजा-पाठ, अनुष्ठान या मांगलिक कार्यों में हवन कराने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। महाभारत और रामायण काल से लेकर ऋषि मुनियों द्वारा हवन कराने की परंपरा का वर्णन मिलता है। हवन को हिंदू धर्म में शुद्धिकरण और सकारात्मकता का कर्मकांड माना जाता है। यही कारण है कि पूजा-पाठ समेत सभी धार्मिक कार्य हवन या यज्ञ के बिना अधूरे माने जाते हैं। हवन के महत्व को न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बताया गया है।
इस अवसर पर काफी संख्या में श्रद्धालु रहे मौजूद
इस अवसर पर मन्दिर कमेटी प्रधान मनोहर लाल झुकिया, पूर्व एसडीओ लक्ष्मीनारायाण कौशिक, रामानन्द शर्मा, भजूमन दास, नरेंद्र दास महाराज, व्यापार मंडल के प्रधान सुरेंद्र बंटी, नपा की पूर्व चेयरपर्सन रीना बंटी, आत्माराम, रूपेश गर्ग, तरूण सिंह, मनोज कुमार, नरेन्द्र कुमार, संजय, अमरजीत अरोड़ा, मुकेश शर्मा, मदन लाल, केशर देवी, बिमला देवी, शशि बाला, उर्मिला देवी, आरूश, माया देवी, रजनी बत्रा, स्वेता मित्तल, सुमन गर्ग, रेखा गर्ग, सीना यादव, ललिता देवी, अंजू देवी, मुस्कान, राधा रानी, सुशिला देवी, मनभावती, लक्ष्मी देवी, कमलेश सोनी सहित काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
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