Hathras: The victim’s brother said, hit Tau’s chest with a leg, everyone stopped the phone, the police were threatening: हाथरस: पीड़िता का भाईने कहा, ताऊ की छाती पर पैर से मारा, सबके फोन बंद करा दिए पुलिस ने, धमकी दे रहे

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नई दिल्ली। हाथरस की उन्नीस वर्षीय बेटी के साथ हुए अत्याचार और उसकी मौत के बाद यह मामला और उलझता जा रहा है। यूपी पुलिस इस मामले को जितना दबानेकी कोशिश कर रही है यह माामला उताना ही उभर कर सामने आ रहा है। जितना प्रशासन इस मामले की लीपापोती करने में जुटा है। उतना ही यह मामला प्रशासन और पुलिस के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है। इस मामले में हर रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं ंऔर यूपी पुलिस का भयानक चेहरा भी सामने आ रहा है। यूपी पुलिस किस तरह से पीड़ित केपरिवार को ही डरा रही है धमका रही है यह सब सामने आ रहा है। पहले पीड़िता के परिवार को डराते डीएम साहब का वीडियो वायरल हुआ था अब उसी परिवार के बेटे ने आकर पुलिस की कलई खोल दी हैऔर बताया कि किस तरह से पुलिस उनके परिवार के साथ मारपीट कर रही है और उन्हें डरा धमका रही है। बता दें कि यूपी पुलिस ने पीड़िता के गांव को छावनी बना दिया है। वहां न कोई जा सकता है न कोई आ सकता है। मीडिया को भी परिवार से मिलने से रोका जा रहा है। पीड़िता के परिवार से कोई न मिल पाए और नहीं उनसे कोई बात कर पाए इसके लिए गांव के बाहर ही भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। परिवार से ही एक लड़का पुलिस सेबचते बचाते किसी तरह गांव के बाहर मीडिया तक पहुंचा और चौकाने वाले खुलासे पुलिस के बारे में किए। पीड़िता के भाई ने कहा है कि गांव में पुलिस प्रशासन ने उनके मोबाइल फोन स्विच आॅफ करा दिए हैं । परिजनों के साथ पुलिस द्वारा मारपीट का भी आरोप लगाया है । उस लड़के ने बताया कि ताऊ को डीएम साहब ने पैर से छाती पर मारा। वह किसी तरह वह खेतों के रास्ते घर से निकल कर बाहर भाग कर आया है।

हाथरस की बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत की घटना के बाद उसके गांव में धारा 144 लगा दी गई है। बटिया के गांव जाने वाले सभी रास्तों पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इस संबंध में शुक्रवार को एसडीएम सदर प्रेम प्रकाश मीणा ने यह बात स्वीकार की है कि प्रशासन द्वारा मीडिया, नेता व अन्य अधिकारियों को गांव के अंदर जाने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा है कि बिटिया के गांव के अंदर एसआईटी की जांच चल रही है। इस वजह से मीडियाकर्मी व अन्य राजनीतिक दलों के आए हुए प्रतिनिधि मंडलों को नहीं जाने दिया जा रहा है।