हाथरस पीड़िता की मौत और उसके बाद उसके शव को यूपी पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार जबरन कराए जाने की घटना ने लोगों को आक्रोशित कर दिया है। हांलाकि इस मामले मेंराजनीतिक पार्टियां भी पूरी तरह सक्रीय हो गई है। आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी हाथरस जाने के लिए दिल्ली से रवाना हुए। उनके साथ हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी थे। हालांकि यूपी पुलिस नेउन्हें यमुना एक्सप्रेसवे पर ही रोक दिया और रोके जाने के बाद राहुल गांधी पैदल ही चल पड़े। जिसके बाद उनके साथ धक्का मुक्क्ी हुई पुलिस की हरकत के कारण वह लड़खड़ा कर गिर भी पड़े। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया और बाद में छोड़ दिया। बाद में प्रशासन ने पीड़िता के गांव में मीडिया के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है।
कोर्ट ने लिया सज्ञान
इस मामले का संज्ञान इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने लिया। कोर्ट ने एसीएस होम, डीजीपी, एडीजी लॉ एंड आॅर्डर और हाथरस के डीएस और एसपी से 12 अक्तूबर तक जवाब मांगा है।
एक घमंडी सत्ता मासूम बच्चियों के मृत शरीरों पर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रही है- प्रियंका गांधी
हाथरस मामले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ने ट्वीट कर सरकार पर कटाक्ष किया। एक घमंडी सत्ता मासूम बच्चियों के मृत शरीरों पर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रही है। अन्याय को रोकने के बजाए, खुद अन्याय कर रही है। महिलाओं के लिए एक सुरक्षित समाज और प्रदेश के लिए- जहां वो आजादी से जी सकें और आगे बढ़ सकें – हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
वहीं शशी थरूर ने भी तंज किया और कहा कि यूपी में छाती में तीन गोली लगने से हुई मौत को भी ‘दिल का दौरा’ घोषित कर दिया जाता है। इस खबर से कोई भी आश्चर्यचकित नहीं है। मगर क्या हम बाकी लोग इस महिला को गरिमा प्रदान कर सकते हैं और उसकी पीड़ा का सम्मान कर सकते हैं?
डीएम पीड़ित परिवार पर बना रहे हैं दबाव
मीडिया में आई खबरों की माने तो हाथरस के डीएम पीड़ित परिवार पर दबाव बना रहे हैं। डीएम े यह भी कहा कि आपको अना बयान बदलना है या नहीं यह आपकी इच्छा है। डीएम का कहना है मीडिया चला जाएगा, हम ही रहेंगे। यह कहकर डीएम परिवार को समझाना चाह रहेहैं या दबाव बनाना चाह रहेहैं?
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