नई दिल्ली। दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को दिल्ली हिंसा को भड़काने वाले कथित नफरती भाषणों को देने वाले नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के अनुरोध वाली एक याचिका पर सुनवाई हुई। केंद्र की ओर से कहा गया कि पुलिस को तय करना चाहिए कि हेट स्पीच के खिलाफ कब प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए। बता दें कि चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ दंगा पीड़ितों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने को सहमत हुई थी। दंगा पीड़ितों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्जाल्विस ने इस याचिका का उल्लेख तत्काल सुनवाई के लिए किया था। चीफ जस्टिस बोबड़े ने कहा कि हम रोज अखबार पढ़ते हैं जिसमें हमपर आरोप लगते हैं। हमपर बहुत दवाब होता है। हम नहीं चाहते कि लोग मरें… हम शांति चाहते हैं। लेकिन कोर्ट कभी भी इस तरह की हिंसा को नहीं रोक सका है। वहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान हेट स्पीच देने के मामले में दो भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने वाली याचिका पर दिल्ली की अदालत ने 23 अप्रैल तक सुनवाई टाल दी है।