Paris Paralympic Games, झज्जर: खेल मैदान से हिंदुस्तान के लिए एक और बड़ी खुशखबरी सामने आई है. पेरिस पैरालंपिक गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन का सिलसिला लगातार जारी है. शूटिंग और बैडमिंटन के बाद अब एथलेटिक्स में भी खिलाड़ी पदक जीतकर विदेशी धरती पर तिरंगे का गौरव बढ़ा रहे हैं.
हरियाणा के छोरे ने जीता सिल्वर मेडल
हरियाणा के रहने वाले योगेश कथूनिया ने पुरुषों के डिस्कस थ्रो F-56 कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन कर दिया है. इसके साथ ही पदक तालिका में भारत के कुल 8 मेडल हो गए हैं. इससे पहले योगेश टोक्यो पैरालंपिक में भी सिल्वर मेडल जीतकर हिंदुस्तान का गौरव बढ़ा चुके हैं.
पहले ही प्रयास में पदक किया पक्का
F-56 कैटेगरी के डिस्कस थ्रो इवेंट में योगेश ने पहले ही प्रयास में 44.22 मीटर थ्रो कर सिल्वर मेडल पर कब्जा किया. उनके द्वारा पहले ही प्रयास में किया गया ये थ्रो मेडल जिताने के लिए काफी था. हालांकि टोक्यो पैरालंपिक में उन्होंने 44.38 मीटर थ्रो के साथ सिल्वर मेडल जीता था.
9 साल की उम्र में हुएं लकवाग्रस्त
हरियाणा के बहादुरगढ़ के रहने वाले योगेश कथूनिया मात्र 9 साल की उम्र में ही गिलेन-बार सिंड्रोम का शिकार होने की वजह से लकवाग्रस्त हो गए थे. उनकी मां ने खुद फिजियोथेरेपी का प्रशिक्षण लिया और अपने बेटे को अगले कुछ सालों में इतना सक्षम बना दिया, जिससे उनकी मांसपेशियों को कुछ ताकत मिल सकें.
दिल्ली के मशहूर किरोड़ीमल कॉलेज से बी. कॉम करने के दौरान ही उन्हें पैरा-एथलेटिक्स खेलों के बारे में जानकारी मिली और इसके बाद उन्होंने अभ्यास करना शुरू कर दिया. उन्होंने 2017 में डिस्कस थ्रो इवेंट की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था और इसके बाद वो लगातार इस खेल में पदक जीतकर हिंदुस्तान और हरियाणा का नाम रोशन कर रहे हैं.