आज समाज डिजिटल,चंडीगढ़:
Haryana Rajyasabha Election राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अब गंभीर चुनौती बन गया है। खतरा भांप कांग्रेस अपने 28 विधायकों को छत्तीसगढ़ के रायपुर में अब सैर के बहाने बंधक बनाने जा रही है। इनकी रखवाली के लिए खुद पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा साथ जा रहे हैं। तीन विधायक कुलदीप बिश्नोई न तो दिल्ली की बैठक में पहुंचे और न ही दिल्ली से गए किसी फोन को उन्होंने रिसीव किया।
इसके अलावा किरण चौधरी ने खराब तबीयत के कारण सैर पर जाने से मना कर दिया तो पूर्व मंत्री व अहिरवाल के कद्दावर नेता कैप्टन अजय यादव के विधायक पुत्र भी अपने जन्मदिन की पार्टी में मशगूल होने के चलते किसी दूसरे राज्य में हैं। मगर बताया जा रहा है सैलजा गुट के तीन विधायक इस यात्रा का विरोध कर रहे थे, मगर हाईकमान के दबाव के चलते उन्हें जाना पड़ा। ऐसे में इन तीन विधायकों का वोट कहां जाएगा कुछ कहा नहीं जा सकता।
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए कार्तिकेय शर्मा का निर्दलीय तौर पर प्रत्याशी बनना अब भारी बनता जा रहा है। कांग्रेस के विधायकों में सेंधमारी का भय इस कदर हो गया है कि विधायकों को हरियाणा से बाहर भेज दिया गया है। इतना ही नहीं किसी भी विधायक को मोबाइल तक रखने की अनुमति नहीं होगी। इस बात को लेकर भी विधायकों में भारी नाराजगी बताई जा रही है।
कांग्रेस को अलविदा कह सकते हैं कुलदीप बिश्नोई !
सूचना है कि कुलदीप बिश्नोई ने भी कांग्रेस को अलविदा कहने का मन लगभग बना लिया है। 5 जून को बिश्नोई ने हिसार में अपने समर्थकों को बुलाया है। इस बैठक में यह फैसला किया जाएगा कि कांग्रेस छोड़ने के बाद किस पार्टी का दामन थामा जाए या फिर से हजकां को जीवित किया जाए। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में प्रदेश भर से लगभग 200 खासमखास लोगों को ही बुलाया गया है।
कांग्रेस के नेता कैप्टन अजय यादव के सैलजा का समर्थन करने व उनके बेटे का विधायकों के साथ न जाना भी कांग्रेस को विचलित कर रहा है। या यूं कहा जाए कि चिरंजीव राव ने भी अब कांग्रेस के सिरदर्द को बढ़ा दिया है। सैलजा गुट के तीन विधायक भी यात्रा के सख्त खिलाफ थे। लोगों का कहना है कि कांग्रेस के लिए अजय माकन अब ऐसे उम्मीदवार बन गए हैं जो निगलते बन रहे हैं और न ही उगलते। कार्तिकेय शर्मा ने न केवल कांग्रेस की सांसे उखाड़ दी हैं बल्कि पूरे प्रदेश में इस समय लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।
माकन की बेचैनी भी बढ़ी
2 जून को नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आवास पर पार्टी विधायकों की बैठक हुई जिसमें आगे की रणनीति पर मंथन हुआ। बैठक में पार्टी की तरफ से राज्यसभा उम्मीदवार बनाए गए अजय माकन भी मौजूद रहे। जिस तरह से पार्टी आपसी कलह से जूझ रही है, उसको देखते हुए माकन खासे चिंता में है कि वो चुनाव जीत पाएंगे या नहीं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस बात में कोई दो राय नहीं की ये चुनाव निकालना कांग्रेस व माकन दोनों के लिए बेहद मुश्किल हो गया है। माकन को भी इस बात का इल्म नहीं था कि ये चुनाव उनके लिए इतना कठिन हो जाएगा।
विधायक बोले, घूमने जा रहे
बातचीत में पार्टी के कई विधायकों ने बताया कि वो घूमने जा रहे हैं। पार्टी के नीरज शर्मा ने कहा कि पार्टी उनको रायपुर लेकर जा रही है। वहीं पार्टी की नीतियों पर चर्चा होगी। वहीं शमशेर गोगी ने कहा कि ये तो पार्टी के ही ऊपर है कि हमें कहां लेकर जाएंगे। वहीं गीता भुक्कल ने कहा कि जब आपको सब पता ही है कि हम कहां जा रहे हैं तो फिर इसमें अब क्या पूछना व क्या बताना। वहीं ये भी बता दें कि भूपेंद्र सिंह फिलहाल यहीं हैं, वो रायपुर नहीं गए हैं। उनके बेटे व राज्यसभा सांसद व प्रदेश अध्यक्ष उदय भान विधायकों के साथ गए हैं। कुल 37 लोगों के रायपुर जाने की जानकारी सामने आई।
विधायक कपड़ों के बैग लिए बैठक में पहुंचे
कांग्रेस की चिंता इसी बात से समझी जा सकती है कि सभी अपने साथ कपड़ों व अन्य जरूरत के सामान का बैग लेकर पहुंचे। हुड्डा के आवास पर हुई बैठक के बाद वो बस में अपना सामान लादते नजर आए। इसके बाद बस उनको लेकर एयरपोर्ट गई और वो वहां से फिर रायपुर गए। वहीं जब ज्यादातर विधायकों से कुलदीप बिश्नोई के नहीं आने के बारे में पूछा गया तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। सबका रटारटाया ही जवाब था कि वो पार्टी के साथ हैं लेकिन राजनीतिक जानकारों की मानें तो ऐसा कतई नहीं है।
प्रशिक्षण शिविर का बहाना
पार्टी के कई विधायकों व प्रदेश प्रभारी ने कहा कि रायपुर में चिंतन और प्रशिक्षण शिविर है। वहां पार्टी की नीतियों पर चर्चा होगी। लेकिन इस बात से हर कोई अच्छे से वाकिफ है कि प्रशिक्षण शिविर तो महज बहाना है, सच्चाई ये है कि कांग्रेस को विधायकों के पलटी मारने का डर ज्यादा है। इसलिए उनको रायपुर में ले जाया जा रहा है। पूरे मामले पर पार्टी हाईकमान की भी नजर है और हर छोटी गतिविधि की जानकारी हाईकमान को दी जा रही है। ये चुनाव एक तरह से हुड्डा के लिए बड़ी चुनौती बन गए है।
कांग्रेस के अंदर की हालत से हर कोई वाकिफ है। रणदीप सुरजेवाला को भी इस बात का अच्छे से पता था कि अगर यहां से चुनाव लड़े तो उनका हरवा दिया जाएगा और इसीलिए वो राजस्थान से चुनाव लड़ रहे हैं।
-रामचंद्र जांगड़ा, राज्यसभा सांसद, भाजपा।
विधायक प्रशिक्षण शिविर में जा रहे हैं और वहां पार्टी की रणनीति व नीतियों पर चर्चा होगी। आप निरंतर सवाल पूछ रहे हैं कि वहां क्यों जा रहे हैं। अगर आप लोगों को सब पता ही है तो पूछ क्यों रहे हैं।
-विवेक बंसल, हरियाणा प्रभारी, कांग्रेस।
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