मनोज वर्मा, कैथल:
शिक्षकों की अव्यवहारिक रैशनेलाइजेशन के विरोध को लेकर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंधित सर्व कर्मचारी संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक जवाहर पार्क कैथल में जिला प्रधान विजेंद्र मोर की अध्यक्षता में हुई। बैठक का संचालन जिला सचिव बूटा सिंह ने किया। प्रेस सचिव शमशेर कालिया ने जानकारी देते हुए कहा कि, 5 अक्टूबर अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर जोरदार विरोध प्रदर्शन करेगा। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा की जा रही प्राथमिक शिक्षकों की रैशनेलाइजेशन पूरी तरह से गैर वैज्ञानिक है। नई शिक्षा नीति और शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत शिक्षक छात्र अनुपात 1:30 का दिया गया है। जहां मुख्य शिक्षक का पद बिना वर्क लोड के दिया गया है। लेकिन हरियाणा सरकार 150 छात्रों के बाद पूरे वर्कलोड सहित मुख्य शिक्षक का पद दे रही है। जबकि प्राथमिक स्कूलों में कोई भी क्लर्क न होने के चलते मुख्य शिक्षक का पद पूरी तरह से वर्कलोड रहित होना चाहिए। हरियाणा सरकार द्वारा 2019 में शिक्षक-छात्र अनुपात 1:25 किया गया था। जिसके तहत 251 छात्रों पर 11 अध्यापकों की जरूरत होती थी। लेकिन 2021 में की जा रही रैशनेलाइजेशन के हिसाब से 361 बच्चों पर 11 अध्यापकों की बात की गई है। इस प्रकार पूरे प्रदेश में 5696 प्राथमिक शिक्षकों के पद सरप्लस किए जा रहे हैं। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ सरकार के इस गैरवैज्ञानिकीकरण कदम की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए 5 अक्टूबर को खंड स्तर पर जोरदार विरोध प्रदर्शन करेगा। इस अवसर पर शीशपाल, संगीता, सतवीर गोयत, रामपाल शर्मा , कृष्ण आर्य , रामफल, सरदूल सिंह, लक्ष्मण दास ,विक्रम सैनी प्रमोद, दलसिंह, सतपाल इत्यादि साथी उपस्थित रहे।