Hisar News (आज समाज) हिसार: मानसून हरियाणा की धरती को ज्यादा भिगो नहीं पाया। बीच-बीच में हुई वर्षा के बावजूद 38 प्रतिशत कम वर्षा का रिकॉर्ड दर्ज किया गया। प्रदेश में अभी तक 72.2 एमएम वर्षा का रिकॉर्ड दर्ज किया। यह वर्षा एक जुलाई से 24 जुलाई के बीच में हुई। वहीं, आने वाले दिनों में वर्षा होने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार प्रदेश में लगातार वर्षा होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। मंगलवार रात को भी कुछ जगह पर वर्षा हुई। मानसूनी हवाओं के कम एक्टिव होने के कारण ही प्रदेश में अभी तक 38 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। प्रदेश में एक जुलाई से 24 जुलाई तक 116.6 एमएम वर्षा होनी चाहिए थी लेकिन 72.2 एमएम का रिकॉर्ड दर्ज किया गया। कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने कहा कि मानसून ट्रफ की अक्षय रेखा दक्षिण से अब सामान्य स्थिति उत्तर की तरफ बढ़ रही है। इससे अरब सागर की तरफ से मानसूनी हवाएं आने से मानसून में सक्रियता बढ़ने जा रही है। अगले दो दिनों में पंजाब के ऊपर एक और साइक्लोनिक सकुर्लेशन बनने से बंगाल की खाड़ी की तरफ से भी मानसूनी हवाओं की सक्रियता बढ़ने की संभावना है। इससे हरियाणा राज्य में वर्षा की गतिविधियां बढ़ने की संभावना बन रही है।
इन जिलों में दर्ज हुई इतनी बारिश
प्रदेश में नूंह, महेंद्रगढ़ और फतेहाबाद जिले ऐसे है जहां पर सामान्य से ज्यादा वर्षा का रिकॉर्ड दर्ज किया गया। नूंह में 114.2 सामान्य वर्षा इस समय में होती है लेकिन इस साल 122.9 एमएम का रिकॉर्ड दर्ज किया गया। इसी प्रकार महेंद्रगढ़ में 115 एमएम सामान्य वर्षा की तुलना में 54 प्रतिशत अधिक 177 एमएम का रिकॉर्ड दर्ज हुआ। फतेहाबाद में 73.7 एमएम सामान्य वर्षा के मुकाबले 37 प्रतिशत अधिक 100.7 एमएम वर्षा का रिकॉर्ड दर्ज हुआ।