Haryana-Punjab News: हरियाणा-पंजाब सरकार की खेतों में पराली जलाने से रोकने की कोशिशें महज दिखावा: सुप्रीम कोर्ट

0
49
हरियाणा-पंजाब सरकार की खेतों में पराली जलाने से रोकने की कोशिशें महज दिखावा: सुप्रीम कोर्ट
Haryana-Punjab News: हरियाणा-पंजाब सरकार की खेतों में पराली जलाने से रोकने की कोशिशें महज दिखावा: सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा-पंजाब को लगाई फटकार
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा व पंजाब के खेतों में पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ रहे है। जिस कारण दिल्ली के वातावरण में प्रदूषण बढ़ गया है। बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण लोगों का सांस लेना भी दुभर हो गया है। बढ़ते प्रदूषण के कारण खांसी आंखों में जलन आदि बीमारियों के मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ रही है। पराली जलाने वाले किसानों को केस दर्ज कर गिरफ्तार करने के आदेश भी राज्य सरकार द्वारा दिए गए है। लेकिन उसके बावजूद भी पराली जलाने के मामलों में कमी नहीं आ रही। दिल्ली में लगातार बढ़ रहे वातावरण प्रदूषण को लेकर ही बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कार्ट में हरियाणा व पंजाब के मुख्य सचिव भी मौजूद रहे। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा व पंजाब में लगातार बढ़ रहे पराली जलाने के मामलों को न रोक पाने पर पंजाब व हरियाणा के मुख्य सचिव को कड़ी फटकार लगाई।

जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस ए अमानुल्लाह और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने कहा कि हरियाणा व पंजाब सरकार की खेतों में पराली जलाने से रोकने की कोशिशें महज दिखावा। कोर्ट ने कहा कि हमें सख्त आदेश देने के लिए मजबूर न करें। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकारों को याद दिलाया जाए कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। प्रदूषण में रहना अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि अगर सरकारें वास्तव में कानून लागू करने में रुचि रखती हैं तो कम से कम एक मुकदमा तो चलना ही चाहिए। Ñ

कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को भी लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत नियम बनाने और जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति करने के लिए केंद्र सरकार को दो हफ्ते का समय दिया। दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि आयोग ने प्रदूषण रोकने के लिए लागू होने वाली सख्तियों को लागू करवाने के लिए कोई मैकेनिज्म तैयार नहीं किया। प्रदूषण को रोकने में नाकाम रहे अधिकारियों पर सीधे कार्रवाई क्यों नहीं की गई, इसके बजाय उन्हें सिर्फ नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया। जिस पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया है कि पराली जलाने वालों पर 10 दिन के अंदर उअदट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। मामले में अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी।

पानीपत, करनाल और कुरुक्षेत्र में हालात ज्यादा खराब

हरियाणा के पानीपत, करनाल और कुरुक्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं के कारण हालात बिगड़ रहे हैं। कुरुक्षेत्र, करनाल और पानीपत में 198 जगहों पर पराली जलाने के मामले सामने आए हैं, जबकि पूरे हरियाणा में ऐसे मामलों की संख्या 680 है। एक दिन पहले पानीपत में एक्यूआई 500 से ऊपर पहुंच गया था। आज पानीपत में एक्यूआई 450, कुरुक्षेत्र में 420 और करनाल में 402 पर पहुंच गया है। डॉक्टरों का कहना है कि 500 से ऊपर एक्यूआई वाली हवा में सांस लेना एक दिन में 25-30 सिगरेट पीने के बराबर है। 300-350 का एक्यूआई एक दिन में 15-20 सिगरेट के बराबर हो सकता है। इससे स्वास्थ्य पर कितना बुरा असर पड़ता है, इसकी कल्पना की जा सकती है।

यह भी पढ़ें :  Cyclone Update: आज पश्चिम बंगाल और ओडिशा से टकरा सकता है ‘दाना’