Haryana Property Prices: हरियाणा सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है, जो राज्य के रियल एस्टेट सेक्टर और संपत्ति की कीमतों पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है। एक्सटरनल डेवलपमेंट चार्ज (EDC) में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद, जमीनों के दामों में भारी उछाल की संभावना है।
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क्या है EDC और कैसे होगा असर?
EDC वह शुल्क है जो रियल एस्टेट डेवलपर्स से प्रोजेक्ट के बाहरी बुनियादी ढांचे जैसे सड़क, बिजली, पानी और सीवेज के विकास के लिए लिया जाता है।
- 1 जनवरी 2025 से EDC में 20% वृद्धि होगी।
- इसके बाद हर साल 1 जनवरी से 10% की बढ़ोतरी लागू की जाएगी।
- इस निर्णय से रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की लागत में वृद्धि होगी, जो सीधे तौर पर खरीदारों को प्रभावित कर सकती है।
विशेषज्ञों और डेवलपर्स का नजरिया
नारेडको हरियाणा के अध्यक्ष परवीन जैन ने कहा कि 10% सालाना वृद्धि अव्यावहारिक होगी और यह डेवलपर्स और खरीदारों पर वित्तीय बोझ बढ़ाएगी।
- उन्होंने यह भी बताया कि पहले से ही EDC दरें ऊंची हैं, और यह बढ़ोतरी रियल एस्टेट मार्केट को धीमा कर सकती है।
- गुरुग्राम के विशेषज्ञ विनोद बहल ने चेतावनी दी कि बढ़ी हुई EDC दरें 2025 में मंदी ला सकती हैं, क्योंकि संपत्तियों की कीमतें पहले ही आसमान छू रही हैं।
खरीदारों पर असर
सरकार के इस फैसले से रियल एस्टेट मार्केट में कुछ संभावित प्रभाव होंगे:
- मकानों की कीमतें बढ़ेंगी: बिल्डर्स अतिरिक्त लागत को सीधे खरीदारों पर डाल सकते हैं।
- मांग घट सकती है: ऊंची कीमतें खरीदारी की क्षमता को सीमित कर सकती हैं।
- निवेशकों के लिए मुश्किल: उच्च लागत के कारण निवेशकों का रुझान कम हो सकता है।
सरकार की मंशा
हरियाणा सरकार ने इस कदम को इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को गति देने के लिए उठाया है। बढ़ी हुई EDC राशि से राज्य में सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा।
क्या हो सकता है समाधान?
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को:
- वृद्धि की दरों पर पुनर्विचार करना चाहिए।
- खरीदारों और डेवलपर्स के लिए एक संतुलन बनाना चाहिए।
- बुनियादी ढांचे के विकास की पारदर्शी प्रक्रिया अपनानी चाहिए।
हालांकि, यह निर्णय हरियाणा के विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है, लेकिन इसका रियल एस्टेट बाजार और आम लोगों पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इन बढ़ोतरी के बाद बाजार को स्थिर रखने के लिए क्या कदम उठाती है।