चंडीगढ़। विश्व भर में गीता संदेश समस्या समाधान बन रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गीता के संदेश को विश्वभर में पहुंचाया है। यही नहीं, गीता की दिव्य आलौकिकता को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के जरिये पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल का विश्व पटल पर पहुंचाने में विशेष योगदान है। मनोहर लाल की पहल पर ही गीता महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दिया गया और अभी तक पांच देशों में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाया जा चुका है।
मनोहर लाल ने वर्ष 2016 में गीता महोत्सव को दिया था अंतरराष्ट्रीय स्वरूप
ब्रह्मसरोवर के तट पर 9वां अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव शुरू हो चुका है। आगामी 15 दिसंबर तक गीता संदेशों की गूंज सुनाई देगी। बतौर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गीता महोत्सव के स्वरूप में बदलाव किया। उन्होंने 2016 में ब्रह्मसरोवर के तट पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाने की शुरूआत की। मनोहर पहल को अब विश्व पटल पर नई पहचान मिल चुकी है। यही नहीं, गीता उत्पति के 5151 वर्ष पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लाल किले से स्वच्छ, स्वस्थ भारत, समरस भारत और नशामुक्त भारत का संदेश दिया गया था।
गीता स्थली कुरुक्षेत्र से लेकर 48 कोस के तीर्थों पर गूंज रहे हैं गीता के श्लोक
अहम पहलू यह भी है कि मनोहर लाल की पहल पर गीता महोत्सव के साथ राज्य पार्टनर और विदेशी सहभागिता की शुरूआत हुई थी। मारिशस, इंडोनेशिया, बाली, आस्ट्रेलिया और कनाडा सहित कई अन्य देशों के मेहमान गीता महोत्सव में पहुंच चुके हैं। इस बार तंजानिया कंट्री पार्टनर के तौर है। वहीं ओडिशा स्टेट पार्टनर की भूमिका में नजर आएगा।
अभी तक पांच देशों में मनाया जा चुका है गीता महोत्सव गीता सार्वभौमिकता को विश्वव्यापी बनाने की मनोहर लाल सोच के साथ देश-दुनिया के लोग जुड़ रहे हैं। पहली बार वर्ष 2019 में मॉरीशस व लंदन में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का कार्यक्रम हुआ था। उसके बाद सितम्बर 2022 में कनाडा, अप्रैल 2023 में आस्ट्रेलिया, वर्ष 2024 में श्रीलंका और इंग्लैंड में गीता महोत्सव मनाया गया। यही नहीं कनाडा की संसद में गीता की स्थापना की गई है। अहम पहलू यह भी है कि खुद केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल अपनी जेब में गीता को रखते हैं और व्यस्तताओं के बीच गीता का स्मरण करते हैं।
कृष्णा सर्किट के साथ ब्रह्मसरोवर व गीता स्थली का किया गया जीर्णोद्धार
बतौर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गीता की उद्गम स्थली ज्योतिसर, ब्रह्मसरोवर और सन्निहित सरोवर के विकास का खाका तैयार किया। मनोहर लाल की पहल पर ही कृष्णा सर्किट में कुरुक्षेत्र को शामिल किया गया। शुरूआत में ब्रह्मसरोवर व ज्योतिसर तीर्थों का जीर्णोद्धार किया गया। इसके बाद 48 कोस के तीर्थों का जीर्णोद्धार कृष्णा सर्किट के तहत शुरू हुआ। यही नहीं, मनोहर लाल ने 48 कोस के तीर्थों को भव्य बनाने और पर्यटकों की आवाजाही बढ़ाने के लिए बाकायदा 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी का गठन किया। अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण का किया गठन अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को भव्य रूप से मनाने के लिए हरियाणा अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण का गठन मनोहर लाल की पहल पर हुआ। बाकायदा, हरियाणा विधानसभा में हरियाणा अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण विधेयक पारित किया गया। प्राधिकरण बनाने का उद्देश्य मेला प्राधिकरण मेला प्रबंधन व संचालन के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव को व्यापक स्वरूप प्रदान करना था। इसके पीछे मनोहर लाल की सोच थी कि अभी तक ऐसे सभी आयोजनों के लिए सरकारी खजाने से धनराशि प्रदान की जाती है, लेकिन जब प्राधिकरण अपनी गतिविधियों का संचालन आरंभ कर देगा तो उसे मिलने वाले राजस्व से भविष्य की गतिविधियों को संचालित किया जा सकेगा। ।
विश्व की समस्याओं का गीता में समाधान : मनोहर लाल
केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों में ही पूरे विश्व की समस्याओं का समाधान करने का मार्ग बताया गया है। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों और यात्रियों को देश की हजारों साल पुरानी सांस्कृतिक विरासत को देखने और जानने का अवसर मिलता है। वहीं मनोहर लाल ने केडीबी अधिकारियों को निर्देश दिए कि एक ऐसी लोकल तीर्थ यात्रा सर्किट योजना तैयार की जाए जिससे तीर्थ यात्री कुरुक्षेत्र के तीर्थों का भ्रमण कर सके।