Haryana News : स्टिल्ट प्लस 4 मंजिल निर्माण को अनुमति

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Haryana News : स्टिल्ट प्लस 4 मंजिल निर्माण को अनुमति
Haryana News : स्टिल्ट प्लस 4 मंजिल निर्माण को अनुमति

Haryana News : चंडीगढ़। हरियाणा के नगर एवं आयोजना और शहरी संपदा मंत्री (Minister of Town & Planning and Urban Estate) जेपी दलाल (JP Dalal) ने 2 जुलाई को घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेशभर में राज्य सरकार द्वारा अब स्टिल्ट प्लस चार मंजिल (S+4) निर्माण को अनुमति दी गई है। पुरानी कालोनियों में भी शर्तों के साथ एस+4 के निर्माण को अनुमति दी गई है।

सरकार के इस निर्णय से आम जनता को काफी फायदा होगा। जेपी दलाल पत्रकारवार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्टिल्ट+4 मंजिलों के निर्माण की अनुमति उन कालोनियों/सेक्टरों में स्थित आवासीय भूखंडों (Residential Plots) के लिए बिना किसी शर्त के दी जाएगी, जिनका लेआउट प्लान प्रति प्लाट 4 आवासीय इकाइयों के साथ अनुमोदित है।

इसके अलावा, पहले से ही लाइसेंस प्राप्त दीन दयाल उपाध्याय जन आवास योजना कालोनियों में, जहां प्रति प्लाट चार आवासीय इकाइयों के लिए सेवा योजना अनुमोदित/संशोधित हो, वहां भी एस+4 मंजिलों के निर्माण की अनुमति दी जाएगी।

पुरानी कालोनियों व सेक्टरों में एस+4 निर्माण के लिए पड़ोसियों की लेनी पड़ेगी अनुमति Haryana News

जेपी दलाल कहा कि ऐसी कालोनियों और सेक्टरों में, जहां लेआउट प्लान प्रति प्लाट तीन आवासीय इकाइयों के साथ अनुमोदित है, लेकिन केवल ऐसे आवासीय भूखंडों, जिनके पास 10 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़क है, उनमें भी कुछ शर्तों के साथ स्टिल्ट+4 मंजिल के निर्माण की अनुमति होगी।

उन्होंने बताया कि ऐसी कालोनियों में, जहां व्यक्ति अब एस+4 का निर्माण करना चाहता है, तो उस स्थिति में मालिक को पहले पड़ोसियों से सहमति प्राप्त करनी होगी।

यदि पड़ोसी सहमति प्रदान नहीं करते हैं तो वह व्यक्ति साथ लगते मकान से सभी मंजिलों के लिए 1.8 मीटर की जगह (साइड सेटबैक) छोड़कर एस+4 का निडर्माण कर सकता है। हालांकि सरकार ने यह प्रावधान किया है कि यदि पड़ोसी एस+4 के निर्माण के लिए अपनी सहमति नहीं देता है, तो वह स्वयं भी भविष्य में एस+4 का निर्माण करने के लिए अपात्र होगा।

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10 मीटर चौड़ाई और 250 वर्ग मीटर क्षेत्र से कम के प्लाटों पर नहीं दी जाएगी बेसमेंट के निर्माण की अनुमति Haryana News

जेपी दलाल ने स्पष्ट किया कि यदि प्लाट पर पहले से 3 मंजिल व बेसमेंट बनाने की अनुमति है तथा अब स्टिल्ट+4 निर्माण की अनुमति ली गई है, तो बेसमेंट के निर्माण और कामन दीवार पर भार का डालने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

हालांकि, ऐसे मामलों में आसपास के प्लाट मालिकों की आपसी सहमति से बेसमेंट के निर्माण और कामन दीवार पर भार डालने की अनुमति होगी। इसके अलावा, यदि बिल्डिंग प्लान के अनुमोदन और निर्माण के लिए आवासीय प्लाटों की पूरी पंक्ति को एक बार में बनाया जाता है, तो कामन दीवार के निर्माण की अनुमति दी जाएगी।

किसी भी स्थिति में 10 मीटर चौड़ाई और 250 वर्ग मीटर क्षेत्र से कम के प्लाटों पर बेसमेंट के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी। जेपी दलाल ने बताया कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा जो प्लाट इनबिल्ट परचेजएबल फ्लोर एरिया रेशो (FAR) के साथ नीलाम किए गए और पड़ोसियों की सहमति या लिए 1.8 मीटर की जगह (साइड सेटबैक) की शर्त पूरी करते हैं, उनके मालिक या तो एस+4 निर्माण कर सकते हैं अथवा परचेजएबल डेवलपमेंट राइट्स (PDR) रिफंड की मांग कर सकते हैं।

यदि प्लाट मालिक स्टील्ट+4 मंजिल नहीं बनाना चाहता और कम पीडीआर का लाभ लेना चाहता है, तो वह रिफंड के आवेदन की तिथि से 8% ब्याज सहित रिफंड (refund) लेने का पात्र है। इस मामले में रिफंड का आवेदन रिफंड के आदेश जारी होने की तिथि से 60 दिनों के भीतर किया जा सकता है।

वहीं, यदि प्लाट 4 या 3 मंजिल निर्माण की अनुमति में नहीं आता है, तो आवंटी रिफंड के अनुरोध की तिथि से 8% ब्याज सहित नीलामी की पूरी राशि वापिस पाने का पात्र होगा। इस मामले में भी रिफंड का आवेदन रिफंड के आदेश जारी होने की तिथि से 60 दिनों के भीतर किया जा सकता है।

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एस+4 के अनुमोदन की एवज में एकत्रित राशि का सेक्टरों/कालोनियों के आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के लिए किया जाएगा उपयोग Haryana News

उन्होंने बताया कि संबंधित एजेंसियों द्वारा एस+4 के अनुमोदन की एवज में 1,178.95 करोड़ की राशि एकत्रित हुई, जिनमें नगर एवं ग्राम आयोजना द्वारा 689.8 करोड़ रुपए, एचएसवीपी द्वारा 466.3 करोड़ रुपए, एचएसआईआईडीसी (HSIIDC) द्वारा 2.62 करोड़ रुपए, शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा 20.23 करोड़ की राशि शामिल है। इस राशि का उपयोग सभी सेक्टरों/कालोनियों के आधारभूत संरचना में वृद्धि करने के लिए किया जाएगा।

एस+4 मंजिलों से संबंधित अनुमतियों सहित विभिन्न सूचनाओं के लिए पोर्टल किया जाएगा विकसित Haryana News

उन्होंने कहा कि विभाग एस+4 मामलों से संबंधित मुद्दों के निपटान और समय-समय पर एस+4 मंजिलों से संबंधित अनुमतियों सहित विभिन्न सूचनाओं को सार्वजनिक करने के लिए पोर्टल स्थापित करेगा।

उन्होंने बताया कि स्टिल्ट क्षेत्र के कवर करने की पद्धति को समाप्त करने के लिए, भविष्य में बिल्डिंग प्लान को मंजूरी देते समय या कब्जा प्रमाण पत्र प्रदान करते समय, शर्त लगाई जाएगी कि यदि स्टिल्ट क्षेत्र में पूर्णत: या आंशिक रूप से कवर हुआ है तो बिल्डिंग प्लान की मंजूरी या कब्जा प्रमाण पत्र का अनुमोदन वापस लिया माना जाएगा।

बिल्डिंग प्लान की मंजूरी के बिना एस+4 निर्माण के मामले में कंपोजिशन आफ आफेंस के लिए एसओपी की गई तैयार Haryana News

जेपी दलाल ने कहा कि ऐसे सभी मामलों के लिए जहां आज तक बिल्डिंग प्लान की मंजूरी के बिना एस+4 निर्माण किया गया है, उनके लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की गई हैं।

इनके अनुसार ऐसे सभी व्यक्ति, जिन्होंने इस तरह का अनाधिकृत निर्माण किया है, वे कंपोजिशन आफ आफेंस के लिए सक्षम प्राधिकारी को आवेदन कर सकते हैं। अनधिकृत निर्माण के ऐसे सभी मामलों में, जहां निर्माण के समय, साथ लगते भूखंड स्वामियों द्वारा कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई थी, तो कंपोजिशन आफ आफेंस के लिए आवेदन प्राप्त होने के 90 दिनों के भीतर अनुमति कंपोजिशन शुल्क की वसूली की जाएगी।

हालांकि, जहां निर्माण के समय साथ लगते भूखंड स्वामियों द्वारा आपत्ति दर्ज की गई थी, तो शिकायतकर्ता से पारस्परिक समझौते/सहमति प्रस्तुत करने के लिए एक और अवसर दिया जाएगा। यदि आवेदक शिकायतकर्ता की सहमति प्रदान करने में असमर्थ रहता है, तो मामले का निर्णय स्पीकिंग आर्डर पारित करके किया जाएगा।

ऐसे कंपोजिशन आफ आफेंस की अनुमति बिल्डिंग प्लान की स्वीकृति के बिना किए गए निर्माण और हरियाणा बिल्डिंग कोड के प्रावधानों के अनुरूप निर्माण के लिए निर्धारित दर से 10 गुणा अधिक कंपोजिशन फीस वसूलने के बाद दी जा सकती है।

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250 वर्ग मीटर से अधिक माप वाले भूखंडों के लिए पीडीआर की दरों में कही गई 25 प्रतिशत की वृद्धि Haryana News

जेपी दलाल ने बताया कि पहले 2.5 मंजिल के निर्माण के साथ एफएआर की अनुमति मिलती थी। उसके बाद यदि मालिक तीसरी या चौथी मंजिल बनाना चाहता है, तो उसे अतिरिक्त राशि का भुगतान कर एफएआर की मंजूरी लेनी पड़ती है। अब सरकार ने 250 वर्ग मीटर से अधिक और 350 वर्ग मीटर तक के प्लाट के लिए निर्धारित दरों में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि की है।

इस अवसर पर नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के निदेशक अमित खत्री सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। Haryana News

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