डेरामुखी राम रहीम की पैरोल पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को आपत्ति

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Ram Rahim
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आज समाज डिजिटल, Haryana News:
डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह इंसां एक महीने की पैरोल मिलने के बाद आश्रम पहुंच गया। कारागार मंत्री रंजीत चौटाला ने बताया कि 30 दिन की पैरोल रोहतक संभागीय आयुक्त ने संबंधित अधिकारियों की सिफारिश पर दी है। वह 2017 में बलात्कार के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद से रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।

याचिका में मांगी थी इसी आश्रम में जाने की इजाजत

Objection to Ram Rahim's Parole
Objection to Ram Rahim’s Parole

मंत्री ने बताया कि उसने याचिका में कहा था कि वह बागपत जिले के बरनावा में स्थित डेरा सच्चा सौदा के आश्रम जाना चाहता है। मंत्री ने बताया कि पैरोल के लिए मंजूरी दिए जाने से पहले बागपत में प्रशासन से अनुमति ली थी। डेरा प्रमुख सिरसा में अपने आश्रम में दो महिला शिष्यों के साथ बलात्कार के मामले में 20 साल की जेल की सजा काट रहा है। सिरसा में डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय है।

उसे अगस्त 2017 में पंचकूला स्थित केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (उइक) की एक विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था। इस बीच शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने डेरा प्रमुख की पैरोल पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह फैसला सरकार के दोहरे मापदंड को दशार्ता है। धामी ने कहा कि एक तरफ सरकारें बंदी सिंह को सजा पूरी होने के बाद भी जेलों से बाहर नहीं ला रही हैं, वहीं दूसरी तरफ जघन्य अपराधों में दोषी डेरा सिरसा प्रमुख को बार-बार जेल से बाहर लाया जा रहा है।

सिख समुदाय ने सरकार से जताई नाराजगी

उन्होंने आरोप लगाया कि गुरु नानक देवजी के 500वें प्रकाश पर्व पर केंद्र ने सिख कैदियों को रिहा करने की घोषणा की थी, लेकिन सरकार के कथित द्वेष के कारण इसे लागू नहीं किया गया। धामी ने कहा कि भले ही सिख निकाय बार-बार इस मुद्दे को उठा रहे हैं, लेकिन सरकार कोई सार्थक जवाब नहीं दे रही है जबकि सरकारें डेरा प्रमुख के प्रति नरमी बरत रही हैं।

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