Haryana News : चंडीगढ़। सांसद (MP) कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) राष्ट्रीय सरोकार से जुड़े तमाम मुद्दे लगातार सदन में उठाते रहे हैं और इसी कड़ी में उन्होंने सदन में देशभर में MCA 21 ई-गवर्नेंस कार्यक्रम (MCA 21 E-Governance Programme) के कार्यान्वयन की स्थिति का राज्यवार ब्यौरा मांगते हुए पूछा कि हरियाणा राज्य में स्थापित प्रमाणित फाइलिंग केंद्रों (CFC) का जिलावार ब्यौरा क्या है और क्या उक्त कार्यक्रम के परिणामस्वरूप कारपोरेट कंपनियों द्वारा फाइलिंग में कोई वृद्धि हुई है। ये भी बताया जाए कि कारपोरेट कंपनियों (Corporate Company) द्वारा अनुपालन को आसान बनाने के लिए मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित भावी कदमों का ब्यौरा क्या है?
उत्तर कारपोरेट कार्य मंत्रालय (north ministry of corporate affairs) में राज्यमंत्री और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) में राज्यमंत्री हर्ष मल्होत्रा (Harsh Malhotra) ने इसका जवाब देते हुए बताया कि कारपोरेट कार्य मंत्रालय (MCA) देश में कंपनी रजिस्ट्रार (ROC), प्रादेशिक निदेशक (RD) और सरकारी परिसमापक (OL) को सभी शहरों में रजिस्ट्री और कंपनी निगमन संबंधी सेवाओं के लिए एंड-टू-एंड ई-गवर्नेंस MCA-21 परियोजना का प्रचालन कर रहा है।
MCA-21 सिस्टम, हितधारकों को सुविधाजनक, उपयोग में सुगम और सभी MCA सेवाओं की सुरक्षित पहुंच और डिलीवरी और बेहतर गति और निश्चितता प्रदान करता है। इससे मंत्रालय के कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, शीघ्रता और दक्षता आई है। मंत्रालय सेवाओं की आनलाइन प्रदायगी में सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप MCA-21 को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NEGP) की सफल मिशन मोड परियोजना के रूप में मान्यता मिली है।
उन्होंने बताया कि MCA-21 पोर्टल को 2006 में कारपोरेट फाइलिंग को डिजिटाइज करने और अनुपालन में सुधार के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया था। संस्करण 1 और संस्करण 2 के बाद MCA-21 के संस्करण 3 को अब एक टेक्नोलोजी ड्रिवन फोरवार्ड लुकिंग प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया है जिसकी परिकल्पना प्रवर्तन को मजबूत करने, ईज आफ डूइंग बिजनेस (EODB) को बढ़ावा देने और उपयोगकर्ता अनुभव को बढ़ाने के लिए की गई है।
देशभर में MCA-21 पोर्टल के जरिए इलेक्ट्रानिक फाइलिंग शुरू करने के प्रारंभिक चरण के दौरान प्रमाणित फाइलिंग केंद्रों (CFC) का एक नेटवर्क स्थापित किया गया था ताकि जिनके पास अपने स्वयं के स्थानों से ई-फाइलिंग के लिए आवश्यक कम्प्यूटिंग/IT अवसंरचना या ई-फाइलिंग का उपयोग करने की क्षमता नहीं थी, उन हितधारकों को दस्तावेजों की ई-फाइलिंग के लिए निशुल्क सेवाएं प्रदान की जा सके। वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग को अपनाने के साथ हितधारकों को अब किसी भी सहायता के लिए केंद्रीकृत हेल्पडेस्क संचालन के माध्यम से सुविधा प्रदान की जा रही है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान फाइल किए गए लगभग 74 लाख प्ररूपों के मुकाबले, MCA-21 पोर्टल पर 80 लाख से अधिक प्ररूप फाइल किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान 79,077 कंपनियों और LLP (64,395 कंपनियों और 14,682 LLP) की तुलना में, वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, 2,44,304 कंपनियों और LLP (185,314 कंपनियों और 58,990 LLP) को निगमित किया गया है।
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इसके अलावा, कारपोरेट कार्य मंत्रालय कानून का पालन करने वाले कारपोरेट पर पड़ने वाले विभिन्न अनुपालन भार को कम करके और देश में व्यवसाय आरंभ करने के लिए एक सरलीकृत प्रक्रिया अपनाकर व्यवसाय करने में सुगमता तथा ईज आफ लिविंग प्रदान करने के लिए विभिन्न कदम उठा रहा है जिनमें ई-प्ररूप से संबंधित “नाम उपलब्धता” और “निगमन” पर कार्रवाई करने के लिए केंद्रीय पंजीकरण केंद्र (CRC) की स्थापना की गई है।
एकीकृत वेब प्ररूप स्पाइस पोर्टल शुरू किया गया है जो एकल एकीकृत वेब फार्म के माध्यम से विभिन्न सेवाएं अर्थात नाम आरक्षण, निगमन, पैन, टैन, निदेशक पहचान संख्या (DIN), महाराष्ट्र, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल राज्यों और दिल्ली की दुकानों और स्थापना और बैंक खाता संख्या खोलने के लिए EPFO, ESIC, GST का पंजीकरण प्रदान करता है। कानून का पालन करने वाले कारपोरेटों के लिए ईज आफ डूइंग बिजनेस और ईज आफ लिविंग में सुधार के लिए कंपनी अधिनियम-2013 और LLP अधिनियम-2008 में 63 अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। Haryana News
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