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केंद्र सरकार ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आग्रह पर हरियाणा राज्य को एक बड़ी सौगात दी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हरियाणा के अतिरिक्त विधानसभा भवन के लिए जमीन देने की घोषणा की है। चंडीगढ़ में हरियाणा को जमीन दी जाएगी।
चंडीगढ़ में जमीन देने की घोषणा
गृहमंत्री ने यह घोषणा जयपुर में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में की। राज्य सरकार ने चंडीगढ़ में जमीन देखकर चिन्हित कर लिया है। रेलवे लाइट प्वाइंट से आईटी पार्क की तरफ को जाने वाली मौजूद जमीन यूटी प्रशासन भी देने को तैयार है। अब गृहमंत्री अमित शाह की घोषणा के बाद जमीन आवंटन में तेजी आएगी। हरियाणा को चंडीगढ़ के क्षेत्र में जमीन लेने के बदले जमीन या 550 करोड़ रुपये देने होंगे।
हरियाणा विधानसभा भवन जगह दी
नए परिसीमन में हरियाणा की जनसंख्या के अनुसार विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 126 तथा लोकसभा क्षेत्रों की संख्या 14 होगी। हरियाणा विधानसभा में इस समय 90 विधायक हैं। मौजूदा भवन में इन 90 विधायकों के बैठने के लिए भी पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं है। यही नहीं, इस भवन का विस्तार किया जाना भी संभव नहीं है, क्योंकि यह हैरिटेज बिल्डिंग है। इसलिए अनुरोध है कि हरियाणा विधानसभा के लिए नया अतिरिक्त भवन बनाने के लिए चंडीगढ़ में पर्याप्त जगह दी जाए।
इसके अलावा यह भी अनुरोध है कि मौजूदा भवन में भी हरियाणा का पूरा हिस्सा दिलवाया जाए। लगभग 56 साल बीत जाने के बाद भी हमें अपना पूरा हक नहीं मिला है। विधानसभा भवन में 24,630 वर्ग फुट क्षेत्र हरियाणा विधानसभा सचिवालय को दिया गया था। लेकिन हमारे हिस्से में आए 20 कमरे अभी भी पंजाब विधानसभा के कब्जे में हैं। हमारे कर्मचारियों के साथ-साथ विधायकों, मंत्रियों और समितियों की बैठक के लिए भी पर्याप्त स्थान नहीं है।
हरियाणा राष्ट्रीय राजमार्ग-105 के लिए 18.6399 हेक्टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हरियाणा को हिमाचल प्रदेश से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-105 के शीघ्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस परियोजना की लंबाई 31.71 किलोमीटर है, जिसमें से 13.30 किलोमीटर हरियाणा में पड़ता है। हम इस परियोजना को पूरा करने में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का पूरा सहयोग कर रहे हैं। जिला राजस्व अधिकारी, पंचकूला द्वारा इस परियोजना को लेकर 18.6399 हेक्टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण भी कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इको-सेंसिटिव जोन को लेकर चंडीगढ़ की चिंता हरियाणा के संदर्भ में सही नहीं है। हरियाणा में सुखना अभ्यारण्य के आसपास इको-सेंसिटिव जोन में शामिल किए जाने वाले क्षेत्र में लगभग 72 प्रतिशत पहले से ही भारतीय वन अधिनियम, 1927 के तहत अधिसूचित वन क्षेत्र है। लगभग 9 प्रतिशत रक्षा क्षेत्र है, इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है। लगभग 19 प्रतिशत निजी क्षेत्र है, जो पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम की धारा 4 के तहत अधिसूचित है।
फसल अवशेष जलाने को लेकर किया जागरूक
मनोहर लाल ने कहा कि फसल अवशेष जलाने के मामले न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति के लिए भी हानिकारक हैं। इसलिए हमने ऐसे मामलों में कार्रवाई करने के साथ-साथ किसानों को जागरूक भी किया है। इस संबंध में हमारे प्रयासों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने भी सराहा है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 से अब तक फसल अवशेष जलाने के मामलों में 73 प्रतिशत की कमी आई है।
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