हरियाणा के राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने महान कवि व सन्त कबीर दास जी की जयन्ती पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ दी हैं। साथ ही इस अवसर पर प्रदेशवासियों के लिए की खुशहाली व समृद्धि की कामना की है। उन्होंने कहा कि सन्त कबीर जी द्वारा दिया गया समभाव का संदेश आज भी प्रासंगिक है, इसलिए हम सबको कबीर जी की शिक्षाओं को अनुसरण कर समाज में एकता और समभाव के संदेश को फैलाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सन्त कबीर दास जी समाज में फैले आडम्बर के विरोधी थे। उन्होंने लोगों को एकता का पाठ पढ़ाया। एक महान कवि और लेखक दोहों के रूप में उनकी वाणी मानव को जीवन की सदैव नई प्ररेणा देती है। उन्होंने सदैव अपनी लोक प्रचलित व सरल भाषा में लिखकर मानवता का संदेश दिया जो आज भी मनुष्य को ज्ञान और अध्यात्म से जोड़ता है।
श्री आर्य ने कहा कि कबीर जी ने मध्यकाल में जो बातें कही है आज भी ऐसी लगती है जैसे उन्होंने आज के संदर्भ में कही हो। कबीर दास जी एक मानवता के पक्षधर हैं और उन्होंने जीव हत्या का विरोध किया है। इसके साथ-साथ वे धर्म के विरोध में नही बल्कि धर्म के नाम पर होने वाले पांखड के विरोध में खड़े दिखाई देते हैं। उन्होंने अपनी वाणी में संसार में सदैव मानवता की खुशहाली की कामना की है। उन्होंने लिखा है कि:-
कबीरा खड़ा बाजार में, मांगे सबकी खैर,
ना काहू से दोस्ती,न काहू से बैर।
अर्थात:- इस संसार में आकर कबीर अपने जीवन में बस यही चाहते हैं कि सबका भला हो और संसार में यदि किसी से दोस्ती नहीं तो दुश्मनी भी न हो ! इसी प्रकार से कबीर जी ने अपनी वाणी में क्रान्तिकारी वकतव्य एवं शिक्षाएं भी दी। उन्होंने यह भी कहा कि:-
कबीरा खड़ा बाजार में, लिए लुकाठी हाथ
जो घर जारे आपनो, चले हमारे साथ
यानि इन्सान हिम्मत करके अपने अहं और अभिमान को जलाकर समाज के लिए काम करे, तो समाज में सकारात्मक बदलाव होगा। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि संत महात्माओं की शिक्षाओं और संदेशों को अपने जीवन में उतारें ताकि समाज में वैमनस्य की भावना खत्म और समानता, प्रेम, प्यार और भाईचारें की बयार बहे। इससे देश और प्रदेश में खुशहाली और समृद्धता आएगी।