Haryana News: हरियाणा सरकार ने नियम किए तय, एसीएस करेंगे रेरा अध्यक्ष-सदस्य के खिलाफ जांच

0
226
Haryana News: हरियाणा सरकार ने नियम किए तय, एसीएस करेंगे रेरा अध्यक्ष-सदस्य के खिलाफ जांच
Haryana News: हरियाणा सरकार ने नियम किए तय, एसीएस करेंगे रेरा अध्यक्ष-सदस्य के खिलाफ जांच

प्रारंभिक जांच शुरू करने का अधिकार भी सरकार के पास रहेगा
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: रेरा के अध्यक्ष या सदस्य के खिलाफ शिकायत मिलने की स्थिति में, प्रारंभिक जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से नीचे के अधिकारी द्वारा नहीं की जाएगी, जिसने हरियाणा में सेवा की हो। प्राधिकरण के अध्यक्ष या सदस्य के विरुद्ध किसी मामले का स्वत: संज्ञान लेकर प्रारंभिक जांच शुरू करने का अधिकार भी सरकार के पास रहेगा। हरियाणा सरकार ने नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) और अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्षों या सदस्यों के खिलाफ जांच करने के लिए नियम स्थापित कर दिए हैं।

सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से जांच कराएंगी सरकार

न्यायाधीश की रिपोर्ट और सिफारिशों के आधार पर सरकार एक आदेश जारी करेगी जिसमें यह निर्णय लिया जाएगा कि प्राधिकरण के अध्यक्ष या सदस्य को हटाया जाए या नहीं। अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष या सदस्य के खिलाफ आरोपों से जुड़े मामलों में, राज्य सरकार एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश के माध्यम से प्रारंभिक जांच कराएगी। सरकार प्रारंभिक जांच शुरू करने के लिए मामले का स्वत: संज्ञान भी ले सकती है।

प्रारंभिक जांच के बाद तथा संबंधित अध्यक्ष या सदस्य से टिप्पणियां प्राप्त करने के बाद, यदि सरकार को प्रथम दृष्टया आगे की जांच का मामला मिलता है, तो वह पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से जांच के लिए एक कार्यरत न्यायाधीश की नियुक्ति कर सकती है।

जांच के दौरान निलंबित हो सकेंगे अध्यक्ष

राज्य सरकार नियुक्त न्यायाधीश को अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष या सदस्यों के खिलाफ आरोपों के विवरण की प्रतियां, साथ ही जांच से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज और अन्य साक्ष्य भेजेगी। अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार जांच के अंतर्गत न्यायाधिकरण के अध्यक्ष या सदस्य को तब तक निलंबित कर सकती है जब तक कि वह न्यायाधीश की रिपोर्ट के आधार पर कोई आदेश जारी नहीं कर देती।

ये भी पढ़ें : Manmohan Singh: मनमोहन के प्रोत्साहन के बिना मुश्किल थी आर्थिक रफ्तार को धार