Haryana Government Reply: यमुना में बाढ़ को लेकर आधारहीन और तथ्यों से परे बात कर रहे केजरीवाल : देवेंद्र सिंह

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Haryana Government Reply
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सलाहकार (सिंचाई) रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र सिंह

Aaj Samaj (आज समाज), Haryana Government Reply, नई दिल्ली/चंडीगढ़: यमुना में बाढ़ के भयावह रूप को लेकर दिल्ली और हरियाणा सरकार में जुबानी जंग शुरू हो गई है। हरियाणा सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे लेटर का जवाब दिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सलाहकार (सिंचाई) रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र सिंह ने कहा है कि हथिनी कुंड एक बैराज है, बांध नहीं, इसलिए पानी छोड़ने की मात्रा को नियंत्रित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कि यमुना नदी के जलस्तर बढ़ने को लेकर केजरीवाल आधारहीन और तथ्यों से परे बात कर रहे हैं।

  • हथिनी कुंड पर बनी संरचना एक बैराज है 
  • यह पानी को डाइवर्ट-रेगुलेट करने के लिए

हिमाचल व उत्तराखंड में हुई ज्यादा बारिश का है छोड़ा गया पानी

देवेंद्र सिंह ने कहा कि हथिनी कुंड बैराज से अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने से यमुना का जलस्तर बढ़ने के उनके आरोप पूरी तरह से भ्रामक हैं। वास्तविकता यह है कि हथिनी कुंड पर बनी संरचना एक बैराज है जोकि केवल पानी को डाइवर्ट-रेगुलेट करने के लिए है। पानी को सीमित मात्रा में केवल किसी बांध से संचालित किया जा सकता है, बैराज से नहीं। यहां यह भी बताना जरूरी है कि केंद्रीय जल आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार जो पानी हथिनी कुंड बैराज की सुरक्षा के लिए यमुना नदी में छोड़ा जा रहा है, वह पानी हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में हुई ज्यादा बारिश का पानी है।

1994 के समझौता अनुसार की जाती है पानी की आपूर्ति

हथिनी कुंड बैराज यमुना नदी पर यमुनानगर में स्थित है। यह 1998-2000 के दौरान पहले बने हुए ताजेवाला बैराज की रिप्लेसमेंट के लिए बनाया गया था। इस पर स्थित संरचना, एक ढांचा बैराज है, जहां से पार्टनर राज्यों को 1994 के समझौता अनुसार पानी की आपूर्ति की जाती है। सीडब्ल्यूसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार इसमें एक लाख क्यूसेक से ज्यादा मात्रा में पानी आने पर पानी स्वत: यमुना नदी में चला जाता है।

प्रदेश में भी बड़े पैमाने पर हो रहा नुकसान : देवेंद्र सिंह

सीएम के सिंचाई सलाहकार ने बताया कि इस पानी के कारण हरियाणा के यमुनानगर, करनाल, पानीपत व सोनीपत में भूमि कटाव और जलभराव हुआ है, जिससे राज्य को भारी जानमाल का नुकसान वहन करना पड़ रहा है। यदि सीमित मात्रा में पानी छोड़ने का कोई प्रावधान होता तो यह हरियाणा राज्य के हित में भी होता।

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