Haryana News, चंडीगढ़ : हरियाणा में कौशल रोजगार निगम तथा आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 और पार्ट-2 के आधार पर लगे एक लाख 20 हजार कच्चे कर्मचारियों की नौकरी 58 वर्ष तक के लिए सुनिश्चित कर चुकी प्रदेश सरकार अब 50 हजार से अधिक मानदेय वाले कर्मचारियों की सेवाएं सुरक्षित करने के लिए अलग पॉलिसी पर विचार कर रही है।
इन कर्मचारियों को होगा फायदा
विश्वविद्यालयों में लगे 1500 असिस्टेंट प्रोफेसर, 2000 एक्सटेंशन लेक्चरर, 450 पॉलीटेक्निक टीचरों के साथ ही पशु चिकित्सकों, जेई, एसडीओ व अन्य टेक्निकल विभागों में कार्यरत करीब 5000 कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।
मांगों को लेकर सोमवार को सीएम निवास पहुंचे हरियाणा यूनिवर्सिटीज कांट्रेक्चुअल टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री निवास के सामने किया प्रदर्शन
प्रतिनिधिमंडल में भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय सोनीपत, महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी, संस्कृत कैथल यूनिवर्सिटी, चौ. रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी जींद के असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल थे। इससे पहले अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों ने पहले मुख्यमंत्री निवास के सामने प्रदर्शन किया और फिर सीएम को ज्ञापन सौंपा।
संघ के अध्यक्ष विजय मलिक ने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसरों को योग्यता, वेतनमान व सेवाकाल के रिकार्ड के आधार पर अलग से पालिसी बनाकर नियमित किया जाए।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 हजार रुपये से अधिक मानदेय वाले कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए अलग नीति बनाई जा रही है। हमारी सरकार किसी कर्मचारी का रोजगार नई भर्ती के कारण नहीं छीनेगी।
18 अगस्त को सर्व कर्मचारी करेंगे कार्यालय का घेराव
पहले असिस्टेंट प्रोफेसर को समायोजित किया जाएगा, जिसके बाद नई भर्ती होगी। मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में विजय मलिक ने कहा कि मांगें पूरी न होने पर बाजू पर काली पट्टियां बांधकर सांकेतिक प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे। साथ ही, 18 अगस्त को सर्व कर्मचारी संघ के नेतृत्व में कुरुक्षेत्र में मुख्यमंत्री कार्यालय के घेराव में शामिल होंगे।