ग्रांट के लिए ऑनलाइन आवेदन करें गोशाला संचालक : उपायुक्त

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Haryana Government Cow Service Commission
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  • हरियाणा सरकार गौ सेवा आयोग के माध्यम से पंजीकृत गोशालाओं को दे रही ग्रांट
  • उपायुक्त ने एसपीसीए के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर गो संचालकों व अधिकारियों के साथ की मंत्रणा
  • गोमाता उपचारशाला नारनौल को घायल जीव-जंतु तथा पशु-पक्षियों के उपचार की जिम्मेदारी
    नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
    हरियाणा सरकार गौ सेवा आयोग के माध्यम से राज्य की पंजीकृत गौशालाओं को हर वर्ष ग्रांट दे रही है। इसके लिए गोशाला संचालकों की तरफ से सरल हरियाणा पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है।

जिन गोशाला संचालकों ने अभी तक ऑनलाइन आवेदन नहीं किया है वे एक सप्ताह के अंदर आवेदन कर दें ताकि उन्हें ग्रांट दी जा सके। यह बात उपायुक्त डॉ. जयकृष्ण आभीर ने आज पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए गठित सोसाइटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (एसपीसीए) के बेहतर तरीके से क्रियान्वयन के संबंध में जिला के विभिन्न गोशाला संचालकों तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक में कही।

डीसी ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में 22 गोशालाएं पंजीकृत हैं। इनमें से अभी तक 11 गोशालाओं ने आवेदन किया है। शेष गोशाला भी जल्द से जल्द अपना आवेदन ऑनलाइन माध्यम से करवाएं। अभी तक सात गोशालाओं को ग्रांट भी दी जा चुकी है। वहीं कुछ गोशालाओं का केस गौ सेवा आयोग को स्वीकृति के लिए भेजा गया है।

घायल जीव-जंतु तथा पशु-पक्षियों के उपचार की जिम्मेदारी दी गोमाता उपचारशाला को

उन्होंने कहा कि जीव-जंतु तथा पशुओं पर होने वाले अत्याचार को रोकने के लिए पशु क्रूरता निवारण अधिनियम है। इसी उद्देश्य से जिला में एसपीसीए का गठन किया गया है। इसका कार्यालय पशुपालन विभाग के एसडीओ कार्यालय में स्थापित किया गया है तथा पशुपालन विभाग के एसडीओ को इसका एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया गया है। वहीं गोमाता उपचारशाला नारनौल को घायल जीव-जंतु तथा पशु-पक्षियों के उपचार की जिम्मेदारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में व्यक्ति का मूल्यांकन धन, ऐश्वर्य के आधार पर नहीं बल्कि सेवा और सद्गुणों के आधार पर किया गया है। मनुष्य को अपने पद और सेवा का उपयोग जनसेवा के लिए करना चाहिए। जीव-जंतु व गऊओं की सेवा का काम बड़े दिल वाले लोग ही करते हैं। ऐसे में खेतों में पकी हुई फसलों को देखते हुए सभी गोशाला संचालक अपने यहां आवारा पशुओं को अपनाएं।

बैठक में विभागों के अधिकारी थे मौजूद

इस बैठक में पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. नसीब सिंह तथा जिला उद्योग केंद्र से राकेश यादव के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।

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