Haryana Government Claims: दिल्ली में प्रदूषण का कारण पंजाब में जल रही पराली

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Haryana Government Claims
दिल्ली में प्रदूषण का कारण पंजाब में जल रही पराली

Aaj Samaj (आज समाज), Haryana Government Claims, चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों बढ़े प्रदूषण का मुख्य कारण पंजाब के खेतों में जलाई जा रही पराली है। प्रदेश की मनोहर लाल सरकार ने नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) की सैटेलाइट इमेजरी जारी कर यह दावा किया है। 25 और 26 अक्टूबर को ली गई नासा की सैटेलाइट तस्वीर में पंजाब के खेतों में आग जलती नजर आ रही है। तस्वीर में कई लाल डॉट खेतों में जलती पराली दिखा रहे हैं। इस बीच दोनों राज्यों ने पराली जलाने के मामले में गिरावट का दावा किया है।

  • हरियाणा सरकार ने जारी की नासा की सैटेलाइट तस्वीर
  • दोनों राज्यों में अवशेष जलाने के मामले घटने का दावा

हरियाणा में घटनाओं में लगभग 36% की गिरावट

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, हरियाणा ने इस साल खेतों में आग लगने की घटनाओं में लगभग 36 फीसदी की गिरावट हासिल की है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के अनुसार, सर्दी के मौसम के आसपास पंजाब में पराली जलाना एनसीआर में प्रदूषण के सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक था।

सतर्क रहने की जरूरत

एनजीटी ने मामले में दायर याचिका पर सुनवाई में कहा, जिस अवधि में पराली जलाई जाती है, वह मुख्य रूप से 15 सितंबर से 30 नवंबर के बीच होती है, इसलिए, इस अवधि में संबंधित अधिकारियों को उल्लंघनकर्ताओं की पहचान करने और जुर्माना लगाने सहित उपचारात्मक उपाय करने में सतर्क रहने की जरूरत होती है। हरित पैनल ने एनसीआर व आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की एक रिपोर्ट भी रिकॉर्ड में ली, जिसमें 2022 में पराली जलाने की घटनाओं की वास्तविक गणना और इस दौरान चालू वर्ष में उन्हें कम करने के लक्ष्य बताए गए थे।

दिल्ली में एक्यूआई 249, अभी नहीं राहत के आसार

दिल्ली में शुक्रवार को लगातार चौथे दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। यह औसत 249 रहा, जो खराब कैटेगरी में आता है। 26 अक्टूबर को सेम टाइम में यहां का औसत एक्यूआई 256 मापा गया था। वहीं बुधवार को 243 और मंगलवार को यहां का औसत एक्यूआई 220 दर्ज किया गया था। दिल्ली के लिए केंद्र की एयर क्वालिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के मुताबिक, शहर की वायु गुणवत्ता अगले तीन से चार दिनों में ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणियों के बीच रहने वाली है।

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