- सरकार एवं उच्च अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा – सुजान मालड़ा
- हेमसा राज्य कमेटी का एक शिष्टमंडल हल्ला बोल प्रदर्शन का नोटिस डीएसई पंचकूला को सौंपेगा
Aaj Samaj (आज समाज), Haryana Education Ministerial Staff, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
हरियाणा एजुकेशन मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन संबंधित सर्व कर्मचारी संघ वीरवार को राज्य प्रधान संदीप सांगवान के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल निदेशक सेकेंडरी शिक्षा पंचकूला को 10 जनवरी को प्रस्तावित हल्ला बोल प्रदर्शन का नोटिस सौंपेंगे। हेमसा प्रदेश महासचिव हितेंद्र सिहाग व प्रेस प्रवक्ता सुजान मालड़ा ने प्रेस के नाम जारी बयान में बताया कि 26 अक्टूबर को निदेशालय शिक्षा सदन पंचकूला पर लंबित मांगों को लेकर हेमसा ने आक्रोश प्रदर्शन किया था।
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इस प्रदर्शन के दवाब में एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल को संयुक्त निदेशक ने बातचीत के लिए बुलाया गया। लगभग एक घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत में उच्च अधिकारियों के पास कर्मचारियों की लंबित मांगों का कोई भी संतोषजनक जवाब नही था। जिस से प्रतिनिधि मंडल ने मौके पर ही नाराजगी जताई । जिसके बाद उच्च अधिकारियों के उदासीन रवैए को लेकर कर्मचारियों ने पंचकूला में ही बैठक की ।
जिसमें फैसला लिया गया कि अगर लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की मांगों का समाधान दिसंबर महीने के अंत तक नहीं होता है तो शिक्षा विभाग में कार्यरत प्रदेशभर के लिपिक 10 जनवरी को निदेशक सेकेंडरी शिक्षा पंचकूला पर हल्ला बोल प्रदर्शन करेंगे। लेकिन बड़े खेद की बात है कि दिसंबर महीना बीत जाने के बाद भी उच्च अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। जो सरकार एवं उच्च अधिकारियों की हठधर्मिता को दर्शाता है। इसी कड़ी में हेमसा राज्य कमेटी का एक शिष्टमंडल राज्य प्रधान संदीप सांगवान के नेतृत्व में 10 जनवरी के हल्ला बोल प्रदर्शन का नोटिस डीएसई पंचकूला को सौंपेगा।
ये है मांगे
लिपिक का वेतन 35400, पुरानी पेंशन, एनईपी रद्द, वेतन आयोग का गठन, एसीपी 5-10-15 प्रमोशनल, दूर-दराज स्थानांतरित का तत्काल समायोजन, वरिष्ठता सूची अपडेट, सभी खाली पदों पर पदोन्नतियां, एसीपाी का निपटान, ग्रुप डी का पदोन्नति कोटा 50 प्रतिशत, एसईटीसी में छूट, योग्यता अनुरूप उच्च पदों पर समायोजन, कठिन क्षेत्र का स्पेशल भत्ता 10 हजार, वर्कलोड अनुसार नए पद व सेवानियम, नियमितीकरण की नीति एवं स्थाई भर्ती आदि है।
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